डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में तेंदुए की मौजूदगी से मचा हड़कंप, वन विभाग ने सर्चिंग अभियान शुरू किया
सागर। डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कैंपस में तेंदुआ देखे जाने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। 14 अक्टूबर की शाम को छात्रावास के पास तेंदुआ दिखाई देने की खबर के बाद से विश्वविद्यालय प्रशासन और वन विभाग सतर्क हो गए हैं। तेंदुए की लगातार अलग-अलग जगहों पर उपस्थिति की सूचना मिलने के बाद दक्षिण वन मंडल की टीम ने महारानी दुर्गावती अभ्यारण के नोरादेही सर्चिंग दल, डॉग स्क्वाड और विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर सघन सर्चिंग अभियान चलाया है।
सर्चिंग टीम ने उन स्थानों पर भी छानबीन की जहां तेंदुए के मूवमेंट के संकेत मिले थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने तेंदुआ देखे जाने के बाद से कैंपस में कई स्थानों पर फ्लेक्स बैनर और चेतावनी संकेतक लगाए हैं, ताकि छात्रों और स्टाफ को सतर्क किया जा सके।
तेंदुआ पहली बार 14 अक्टूबर की शाम करीब 5 बजे छात्रावास के पास देखा गया था, और तब से विश्वविद्यालय के कई हिस्सों में इसकी मौजूदगी के वीडियो भी सामने आए हैं। वन विभाग इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए लगातार खोजबीन कर रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि विश्वविद्यालय के कैंपस का अधिकांश भाग घने जंगलों से घिरा हुआ है, जो तेंदुए के लिए उपयुक्त स्थान बनाता है। इसके अलावा, पास ही सिटी फॉरेस्ट का जंगल भी है, जहां जंगली जानवर और पालतू पशु चरने आते हैं, जो तेंदुए के शिकार हो सकते हैं। इस क्षेत्र में कुत्तों और छोटे पालतू जानवरों की उपस्थिति तेंदुए के लिए भोजन का स्रोत बन सकती है, जिसके चलते तेंदुआ बार-बार कैंपस में देखा जा रहा है।
अभी तक तेंदुए की सटीक लोकेशन का पता नहीं चल पाया है, लेकिन वन विभाग की टीम और विश्वविद्यालय प्रशासन के सुरक्षा कर्मी लगातार निगरानी और सर्चिंग अभियान में जुटे हुए हैं, ताकि जल्द से जल्द स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके और किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
इस घटना के बाद विश्वविद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और छात्रों से अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें और जंगल के किनारे जाने से बचें।
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