सागर में पुराने बस स्टैंड से ही बसों के संचालन की मांग को लेकर बसों की हड़ताल आज से शुरू हो जाएगी। सागर बस एसोसिएशन ने बीती शाम पत्रकारवार्ता कर बताया कि आज सुबह 6 बजे से अनिश्चितकाल के लिए बसें बंद रहेंगी। दमोह बस एसोसिएशन ने भी इसका समर्थन किया है। सागर के व्यापारी, सामाजिक संगठन, विद्यार्थी और वरिष्ठ छात्र नेताओं ने भी समर्थन देने की बात कही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष पांडेय ने बताया कि तालाब बस स्टैंड से लेकर सिविल लाइन होते हुए मकरोनिया तक जाने में 90 फीसदी रूट ऐसा है, जहां आबादी बिल्कुल भी निवास नहीं करती। जब इंदौर, भोपाल में पुराने बस स्टैंड बीच शहर में चल रहे हैं, सिटी बस और स्कूल बसें शहर से जा रही हैं तो सिर्फ हमारी बसों के संचालन पर आपत्ति क्यों? मुख्यमंत्री से लेकर कलेक्टर तक को हम 1 अगस्त को पत्र देकर सूचित कर चुके हैं। अब हड़ताल तभी खत्म होगी, जब हमारी मांग मानी जाएगी। डेढ़ माह के भीतर बसों की यह दूसरी बार हड़ताल होने जा रही है।

30 किलोमीटर की दूरी को प्रशासन ने 50 बना दिया

एसोसिएशन के सचिव जयकुमार जैन ने कहा बंडा से सागर की दूरी 32, बांदरी की 30 किलोमीटर है। नए रूट से प्रशासन ने इसे 50 से 52 किलोमीटर कर दिया है। हमसे कह रहे हैं कि किराया बढ़ा दो। हम जनता को क्यों परेशान करें? बस स्टैंड शिफ्टिंग में किसका स्वार्थ है। यह भी सामने आना चाहिए। बिना परमिट के रूट पर हम बसें क्यों चलाएं? कल के दिन कुछ हुआ तो क्लेम कौन देगा? जैसी तानाशाही सागर में चल रही है, ऐसी कहीं नहीं देखी। सूत्र सेवा सहित लंबी दूरी की बसें नए बस स्टैंड से चलें। बाकी सब परमिट के हिसाब से पुराने स्टैंड से ही तो सब ठीक रहे। बस स्टैंड की दूरी अधिक होने से जनता, विद्यार्थी, व्यापारी और सवारियां नहीं मिलने से हम भी परेशान हैं।

इश्तिहार अब निकला, कहते हैं पहले आपत्ति क्यों नहीं लगाई

एसोसिएशन के सचिव ने कहा अभी 26 जुलाई को प्रशासन ने इश्तिहार निकाला कि बस स्टैंड को 7 एकड़ जमीन आवंटित होना है, जिसे आपत्ति हो 31 अगस्त तक कर दें। अब बताओ हम अवैध हैं कि प्रशासन? बिना जमीन आवंटन निर्माण कर दिया। प्रशासन ने कोर्ट को भी गुमराह किया। हमसे कहते हैं। पहले आपत्ति क्यों नहीं ली? जब इश्तिहार अब आया तो पहले कैसे आपत्ति कर देते? अब आपत्तियां हो रहीं हैं। पहले सिटी बस को जमीन आवंटन हुआ था, बस एसोसिएशन सिटी बस में क्यों आपत्ति करता? प्रशासन कहता है कि आबादी दोगुना हो गई इसलिए बाहर होना जरूरी है। हम भी कहते हैं तब 10 फीट चौड़ी सड़कें थीं, अब 40 से 60 फीट की हो गई, ऐसे में संचालन में आपत्ति क्या? अशोक श्रीवास्तव, अतुल दुबे, छुटकुल तिवारी ने कहा मांग पूरी होने पर ही हड़ताल वापस होगी।


Post a Comment

और नया पुराने
NEWS WEB SERVICES