सरकारी स्कूलों से पढ़े विद्यार्थियों के लिए नई प्रवेश प्रक्रिया लागू
भोपाल। सरकारी और निजी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में प्रवेश के लिए इस वर्ष से एक नई व्यवस्था लागू की जा रही है। सरकारी स्कूलों से पढ़े विद्यार्थियों को उनकी कैटेगरी के अनुसार सीट नहीं मिलेगी, बल्कि उनकी मेरिट के आधार पर उन्हें उचित श्रेणी में शामिल किया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि यदि कोई अभ्यर्थी आरक्षित श्रेणी का है, लेकिन उसकी मेरिट अनारक्षित श्रेणी के बराबर है, तो उसे अनारक्षित श्रेणी में ही रखा जाएगा और सीट आवंटित की जाएगी।

12 अगस्त से शुरू होगा पंजीयन

प्रदेश के सभी सरकारी और निजी मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए पंजीयन की प्रक्रिया 12 अगस्त से शुरू हो रही है। इस प्रक्रिया में सरकारी स्कूलों से पढ़े विद्यार्थियों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। यह आरक्षण उन विद्यार्थियों के लिए लागू होगा जिन्होंने कक्षा 6वीं से 12वीं तक शासकीय स्कूल में नियमित अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण की हो या जिन्होंने कक्षा 8वीं तक निजी स्कूल में पढ़ाई करने के बाद कक्षा 9वीं से 12वीं तक शासकीय स्कूल में शिक्षा ग्रहण की हो।

अभ्यर्थियों के हित में बदलाव

अभ्यर्थियों के हित में इस वर्ष एक अतिरिक्त सुविधा भी दी जा रही है। मॉप-अप राउंड के पहले भी पंजीयन का विकल्प उपलब्ध होगा, जो पहले नहीं था। इसके अलावा, पहले चरण में आवंटित सीट पर प्रवेश नहीं लेने वाले अभ्यर्थियों को दूसरे चरण में प्रवेश का मौका दिया जाएगा। हालांकि, अनिवार्य ग्रामीण सेवा बंधपत्र में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

काउंसलिंग का कार्यक्रम

- **पंजीयन:** 12 से 20 अगस्त  
- **रिक्त सीटों की जानकारी:** 14 अगस्त  
- **प्रावीण्य सूची का प्रकाशन:** 21 अगस्त  
- **पसंद की सीट के लिए विकल्प:** 22 से 26 अगस्त  
- **पहले चरण का सीट आवंटन:** 29 अगस्त  
- **कॉलेजों में प्रवेश:** 31 अगस्त से 4 सितंबर  
- **प्रवेश रद्द कराने की अंतिम तिथि:** 4 सितंबर  

इस नई प्रक्रिया से विद्यार्थियों को अपनी मेहनत के अनुरूप उचित श्रेणी में सीट प्राप्त करने का मौका मिलेगा, जिससे वे अपने करियर को एक नई दिशा दे सकेंगे।

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