Madhya pradesh : मध्य प्रदेश के संत दादा गुरु, जो पिछले साढ़े तीन साल से केवल नर्मदा जल पर निर्भर रहने का दावा करते हैं, अब राष्ट्रीय चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। राज्य सरकार ने उनकी साधना पर शोध करने का निर्णय लिया है। लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया है।
मंगलवार, 21 मई को जबलपुर के मदन महल स्थित शिमला हिल्स में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दादा गुरु से मुलाकात की। कलेक्टर ने बताया कि महायोगी दादा गुरु की साधना पर शोध कर उसकी प्रमाणिकता को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए विशेषज्ञ कमेटी की सहायता ली जा रही है।
विशेषज्ञ कमेटी में डॉ. आरएस शर्मा, डॉ. प्रशांत पुणेकर, डॉ. राजेश महोबिया और नर्मदा मिशन के अध्यक्ष नीलेश रावल शामिल हैं। यह कमेटी दादा गुरु के पल्स, ब्लड प्रेशर, ईसीजी आदि की जांच करेगी और आवश्यकता पड़ने पर अन्य महत्वपूर्ण परीक्षण भी करेगी।
विशेषज्ञों को अपनी रिपोर्ट तीन सप्ताह में प्रस्तुत करनी होगी। शोध के दौरान दादा गुरु को सात दिनों तक निगरानी में रखा जाएगा।
दादा गुरु, नर्मदा मिशन के संस्थापक, पिछले तीन साल सात माह से केवल नर्मदा जल का सेवन कर रहे हैं। इस शोध का उद्देश्य यह जानना है कि नर्मदा जल में ऐसे कौन से तत्व हैं जिनके सेवन से व्यक्ति लंबे समय तक बिना अन्न ग्रहण किए जीवित रह सकता है। कलेक्टर सक्सेना ने भी शोध के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों पर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
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