पीड़िता एवं उसके परिवार वालों के पक्षद्रोही होने के बावजूद वैज्ञानिक साक्ष्य डी.एन.ए. रिपोर्ट एवं जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर न्यायालय द्वारा आरोपी को दंडित किया गया।
सागर । नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म़ करने वाले आरोपी निखिल पटैल को पॉक्सों एक्ट, 2012 की धारा- 5एल/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता के पिता ने दिनांक 09.06.2022 को थाना में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि उक्त दिनांक को बालिका स्कूल जाने का कहकर गई थी तथा लौटकर वापस नहीं आई जिसकी तलाश आसपास करने तथा रिश्तेदारी में पता करने पर उसका कोई पता नहीं चला किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बालिका को बहला फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की । दिनांक 14.07.2022 को बालिका को दस्तयाब किया जाकर उसके कथन लेख किये गये। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना- द्वारा धारा 363,366, 376(2)(एन) भा.दं.सं. एवं धारा 5एल/6,लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी कोदोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।
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