नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को मिली यह सजा
नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर । नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी गब्बर लोधी को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि.की धारा-376(3) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्षन में विषेष लोक अभियोजक मनोज पटैल ने की ।
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता / पीड़िता ने थाना में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि दिनॉक 25.04.2022 के सुबह करीब 4 बजे वह अपनी मॉ एवं बहिन के साथ घर के बाहर खुले में सो रही थी तभी आरोपी गब्बर लोधी आया और उसका मुंह बंद करके उसे उठाकर खेत मे ले गया और उसके साथ गलत काम किया। वह चिल्लाई तो आवाज सुनकर उसके परिवार के लोग आ गए तो आरोपी गब्बर वहॉ से भाग गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना द्वारा भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 363, 366क,376(डीए), 506(भाग-2) , पाक्सो एक्ट की धारा-5(जी)/6 तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(2)(व्हीए)(दो काउंट), 3(2)(व्ही), 3(1)(डब्ल्यू)(आई) का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया है।
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