सागर। नाबालिग के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी पवन अहिरवार को पॉक्सों एक्ट की धारा- 5(एल)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड एवं धारा-5(एम)/6 के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता की मॉ ने दिनॉक 27.03.2023 को थाना में इस आषय की रिपोर्ट लेख कराई कि वह और उसके पति रोज सुबह काम के लिये चले जाते है कल सुबह उसने देखा कि अभियुक्त पवन अहिरवार उसके घर पर बार-बार देख रहा था फिर थोड़ी देर बाद उसने देखा कि अभियुक्त पवन उसकी लड़की/पीड़िता से कुछ बात कर रहा था तो उसने बालिका से पूछा तो बालिका ने बताया कुछ दिनो से पैसो का लालच देकर अभियुक्त पवन उसके साथ गलत काम करता है। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना- द्वारा धारा 376(ए)(बी),376(2)(एन), 376(ग) भा.दं.सं. एव धारा 5एल/6 लैंगिक अपराधो से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी कोदोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।
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