सागर । नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने वाले अभियुक्त दिनेष को भादवि की धारा- 363, 368 के तहत 05-05 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो-दोे हजार रूपये अर्थदण्ड एवं एस.सी/एस.टी. एक्ट 3(2)(व्ही-क) के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत नेे दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता के भाई ने दिनांक 13.04.2018 को पुलिस थाना खिमलासा में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि 5.07.2019 से करीब एक वर्ष पूर्व पीड़िता सात-साढ़े सात बजे शौंच के लिये गई थी लेकिन वह वापस नहीं आई तब बालिका को आस-पास और रिश्तेदारों में ढूंढा परन्तु उसका पता नहीं चला। पीड़िता को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर भगा जाने की शंका व्यक्त की । दिनॉक 16.07.2018 को पीड़िता के दस्तयाब होने पर उसने अपने न्यायालयीन कथनों में बताया कि दिनांक 05.07.2019 से करीब एक वर्ष पूर्व शाम 7.00 बजे की घटना है। वह शौंच करके वापस आ रही थी तब अभियुक्त दिनेश उसे मिला और वह, उसका मुंह बंद करके उसे मोटरसाईकिल पर बैठाकर ले गया । उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-खिमलासा द्वारा धारा-366, 368, 376, 506, 372,34 भा.दं.सं., धारा-3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 तथा धारा- 3(2)(व्ही-क), 3(2)(व्ही) एस.सी./एस.टी. एक्ट का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।
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