भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जारी सस्पेंस आखिरकार खत्म हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव के नाम पर मुहर लग गई है। भाजपा की विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से इनके नाम को मुहर लगी। इससे पहले भाजपा आलाकमान ने मनोहर लाल खट्टर, डॉ. के लक्ष्मण और आशा लकड़ा को पर्यवेक्षक बनाकर सीएम चुनने की जिम्मेदारी सौंपी थी। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सोमवार को हुई विधायक दल की बैठक में मोहन यादव के नाम को फाइनल किया गया। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। सूत्रों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे। इनके लिए जो दो नाम सामने आ रहे हैं, वे हैं- जगदीश देवड़ा और राजेश शुक्ला। जगदीश देवड़ा मल्हारगढ़ और राजेश शुक्ला बिजावर से विधायक हैं। इसके अलावा स्पीकर पद के लिए नरेंद्र सिंह तोमर के नाम का एलान किया गया है।
मोहन यादव के बारे में जानिए
मोहन यादव ने माधव विज्ञान महाविद्यालय से पढ़ाई की है। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री का जिम्मा संभाल चुके हैं।
मोहन 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव भी चुने गए थे।
वे भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य, मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।
2013, 2018 के बाद अब वे 2023 में भी उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
भाजपा को मिला प्रचंड बहुमत
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को वोट डाले गए थे। इसके नतीजे 30 नवंबर को जारी हुए थे। नतीजों में भाजपा को प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल हुई थी। आंकड़ों पर नजर डालें तो भाजपा के हिस्से में 163 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस को 66 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। विधायक दल का नेता चुने के जाने के बाद क्या बोले मोहन यादव?
मध्य प्रदेश के मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मैं केंद्रीय नेतृत्व, प्रदेश नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को यह जो जवाबदारी दी है। आपके प्यार और सहयोग से मैं अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने का प्रयास करूंगा। नतीजों के बाद सीएम के चेहरे पर सस्पेंस
चुनाव जीतने के बाद से सभी मन में यह सवाल था कि राज्य का अगला सीएम कौन होगा? शिवराज सिंह चौहान चुनाव जीतने के बाद से ही लोगों के बीच जा रहे थे। माताओं-बहनों से मिल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि वे मध्य प्रदेश में ही रहेंगे। उन्होंने बार-बार पार्टी का हर फैसला मानने की बात भी दोहराई थी। इस बीच विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले भाजपा सांसदों ने इस्तीफा देकर मामले को और रोचक बना दिया। इसी के साथ माना जाने लगा था कि सीएम पद की रेस में शिवराज के अलावा कई दिग्गज भी हैं।
छत्तीसगढ़ के फैसले ने बढ़ाई दिलचस्पी
लंबे इंजतार के बाद पार्टी ने बीते शुक्रवार को तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की और उन्हें विधायकों से मिलकर सीएम तय करने की जिम्मेदारी सौंपी। इस बीच बीते दिन छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय से आने वाले विष्णुदेव साय को सीएम चुनकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया। इसके बाद से ही मध्य प्रदेश को लेकर अटकलें और तेज हो गईं। हालांकि, नतीजों के हफ्ते भर बाद सभी कयासों और अटकलों पर विराम लगाते हुए पार्टी ने अपना फैसला कर दिया और मोहन यादव को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुना।
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