नाबालिग का बुरी नियत से पीछा करने वाले एवुं अश्लील मेसेज भेजने वाले आरोपी को 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड
सागर। नाबालिग का बुरी नियत से पीछा करने वाले एवं अष्लील मेसेज़ भेजने वाले आरोपी नरेष लड़िया को विषेष न्यायाधीष (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश ज्योति मिश्रा जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा- 354ए(1)(आईआई),354डी(1)(आई), के तहत 03-03 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच-पॉच हजार रूपये तथा एवं सूचना प्रोद्योगिकी अधि.2000 की धारा-67 के तहत 03 वर्ष सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये व धारा- 67ए के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता पीड़िता ने दिनांक 06.09.2021 को थाना मकरोनिया में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि आरोपी नरेश उसे करीबन एक वर्ष से दोस्ती करने के मैसेज एवं आपत्तिजनक मैसेज, लगातार करता था तब उसने आरोपी का नंबर ब्लाक कर दिया फिर कुछ दिन बाद उसे आरोपी दूसरे नंबर से करीबन एक वर्ष से मैसेज भेजता रहा। कई बार वह कोचिंग जाती थी तो उसे बुरी नियत से घूरता रहता था एवं कई बार पीछा किया। उसे आरोपी नरेश ने लगातार आपत्तिजनक टेक्सट मैसेज किए है आरोपी नरेश शिल्पकार उसे लगातार करीब 16 जुलाई 2020 से वाटसएप मैसेज पर पीछा कर आपत्तिजनक मैसेज कर रहा है एवं उसे बुरी नियत से देखते हुए उसके घर से पीछा करता है। घटना की जानकारी उसने अपने पिता को दी तो उन्होंने आरोपी को मैसेज करने से मना किया लेकिन वह नही माना तब उसने अपने माता-पिता व भाई को घटना की जानकारी दी व थाना पर रिपोर्ट की।उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मकरोनिया़ द्वारा भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 354ए(1)(आई आई) , 354डी (1)( आई ), 201 , लैंगिक अपराधो से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 11 सहपठित धारा 12 तथा सूचना प्रौधोगिकी अधिनियम 2000 की धारा 67, धारा 67 ए का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवम नवम अपर-सत्र न्यायाधीश ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै
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