//ब्यूरो रिपोर्ट मनीष लोधी//
जनपद पंचायत बड़ामलहरा की जैव विविधता पंजी का लोकार्पण समारोह भोपाल में संपन्न हुआ
अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण योद्धा सम्मान प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ता श्री राजेश यादव ने बताया* कि मध्यप्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड, भोपाल की ओर से "सर्वोदय पब्लिक स्कूल" मडदेवरा के संचालक राजेश यादव के तकनीकि सहयोग से लोक जैव विविधता पंजी जनपद पंचायत बड़ामलहरा का पीबीआर अनुभवी पी.आई. श्री महेश एवं को.पी.आई. श्रीमति प्रियंका एवं भोपाल से विशेषज्ञ श्री विजेश हरियाले द्वारा वर्षभर अध्ययन के उपरान्त तैयार किया गया है। जिसमे क्षेत्र में स्थित कई तरह की रोचक जानकारियां, औषधियां, पालतू जानवर, एवं जंगली जीव- जंतु, पेड़-पौधे और वनोपज के साथ-साथ क्षेत्र में पाई जाने वाली जैवविविधता, क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, जल,जंगल, जमीन के साथ ही जलाशय, कृषि आधारित मौसमी फसलों की प्रजातियों का समावेश किया गया है।
जैव विविधता पंजी निर्माण का मुख्य उद्देश्य* क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियां जैवविविधता का पंजीयन कर सुरक्षित करना है।
बड़ामलहरा विकासखंड में 79 ग्राम पंचायतें एवं 279 राजस्व गांव हैं। जहां पर ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या 273861 एवं शहरी क्षेत्र की जनसंख्या 25200 (शहरी पुरुष 13080 एवं महिला 12120) है, (ग्रामीण क्षेत्र में पुरुष 144953 एवं महिला 128908) है ग्रामीण क्षेत्र का लिंग अनुपात 875 शहरी क्षेत्र का लिंगानुपात 882 है।
छतरपुर जिले के अंतर्गत* जनपद पंचायत बड़ामलहरा भौगोलिक दृष्टिकोण से छतरपुर का सबसे बड़ा विकासखंड माना जाता है इस विकासखंड की खूबसूरती पर्यटन के दृष्टिकोण से देखें तो यहां पर पातालगंगा की गुफा जो 400 फीट गहरी है इसके अलावा सड़वा की गुफा जो की जमीन के अंदर 800 फिट अंदर गुफा में पीतांबरी देवी का मंदिर है जहां पर श्रद्धालु निरंतर दर्शन के लिए आते जाते रहते हैं, सिद्ध क्षेत्र द्रोणागिरी पर्वत है जो जैन धर्म का एक तीर्थ स्थान है यहां भी देश के अलग-अलग हिस्सों से जैन तीर्थ यात्री आते रहते हैं, क्षेत्र में अवार माता मंदिर की महिमा को लोग मानते हैं लोगों का मानना है कि जहां हमारे प्राचीन सनातनी देवी- देवता हैं जो हमारी सुरक्षा और हमारी मनोकामनाओं को पूरी करते हैं। इसके अलावा जंगल, पर्वत,नदी, तालाब इत्यादि है जो की अति मनमोहक लगते हैं। जहां पर घने वृक्षों के साथ-साथ वन्य जीवों की उपलब्धता अधिक है।
बड़ामलहरा मे जल का व्यापक स्त्रोत सुजारा बांध परियोजना है जो किसानों ओर आमजन के लिए जीवन दायनी है, आजीविका के लिए भी उत्तम स्त्रोत है जिससे खेती किसानी के साथ ही मछली पालन, जलीय खेती, सिंगाड़े आदि अधिक मात्र मे होती है। इसमे निहित अथाय जल एक शोध का विषय बना हिआ है जिसमें अत्याधिक जलीय जैव विधिता उपलब्ध है, अनेक तालाब जनपद के अंतर्गत जैव विविधता से परिपूर्ण हैै इसके अलावा कई ऐतिहासिक दार्षनिक,धार्मिक और आदिवासी संस्कृति के प्रमाण भी है, चंदेलकालीन मूर्तिया भी पाई जाती है। जनपद के अंतर्गत गेंहू, चना, अरहर, सायेाबीन, मूग, मटर, मसूर, की वृहद मात्रा में खेती होती है तथा विभिन्न प्रकार की मौसमी सब्जियॉं उगाई जाती है यहां के जंगलों से वनोपज बेल, महुआ, आचार (चिरौंजी), आवला, गोंद, तेन्दूपत्ता, खैर (कत्था) प्राप्त किया जाता है, जो अनेक लोगों की अजीविका का साधन भी है अच्छी किस्म की सागौन के वनों में उपलब्ध है।
तालाब एवं नदियों में मछलियों का भंड़ार है* जो यहां के लोगों के लिए अजीविका साधन है जिससे परिवार का भरण पोषण सुनिश्चित किया जाता है। नदियों में पायी जाने वाली मछलियों में सौर, पढिन, कतला, बाम, प्रमुखता से पायी जाती है। कई तालाबों में सिंघाड़े की खेती होती है जिसे किसान अथवा मछुआरे स्थानीय बाजार मे बेंचते है। मौसमी सब्जियां आलू, टमाटर, भटा, प्याज, मिर्च, धनिया, कद्दू, लोंकी, गिलकी, आदि प्रमुख है जो अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
इस क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षण एवं जानकारी हेतु लोक जैव विविधता पंजी का निर्माण मध्यप्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड, भोपाल के द्वारा की जाने वाली एक अनौखी पहल है इसके निर्माण से लोगों में जैव विविधता को संरक्षित करने की भावना का विकास होगा साथ ही जनपद में जन समुदाय मे निहित ज्ञान का विस्तार होगा, जो अनेक समस्याओं का समाधान बनेगा तथा आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित करने के लिए मार्गदर्शन मिलेगा।
लोकार्पण समारोह* मध्यप्रदेश राज्य जैवविविधता बोर्ड के पदाधिकारी डॉ. बकुल लाड सदस्य सचिव , सी.एण्ड.डी., श्री सुमित जैन, प्रशा. वित्त, श्री विजेश हरियाले, शिवानी शर्मा एवं सर्वोदय पब्लिक स्कूल से राजेश यादव की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इस कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए बोर्ड द्वारा बधाई और प्रशंसा व्यक्त की गई। श्री यादव के द्वारा इस कार्य में सहयोग करने प्रत्येक व्यक्ति का आभार व्यक्त किया है।
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