रिपोर्ट मनीष लोधी
आवारा पशुओं की समस्या से आखिर कब मिलेगी मुक्ति

भगवाँ/ नगर के मुख्य मार्गों पर रोजाना स्वच्छंद विचरण करने वाले आवारा पशु लंबे अरसे से समस्या बने हुए हैं। सड़कों पर आवारा पशुओं की मौजूदगी के कारण नगर का मुख्य मार्ग पर आवागमन प्रभावित होता रहता है। अक्सर सड़कों पर मौजूद पशु लोगों पर हमला करके घायल भी कर देते हैं। इस बात को लेकर पशुपालक भी पशुओं के स्वच्छंद विचरण से उत्पन्न होने वाली तमाम किस्म की समस्याओं से भली-भांति वाकिफ है लेकिन पशुपालकों को आमजन की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। बेसहारा पशुओं के स्वच्छंद वितरण से आमजन को हो रही समस्या से निजात दिलाने के लिए संबंधित विभाग ने भी अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। समस्या के निदान न होने से अनेक नागरिकों में प्रशासन के खिलाफ असंतोष व्याप्त है। सड़कों पर मौजूद आवारा पशु अब तक अनेक नागरिकों को हमला करके घायल कर चुके हैं। सड़क किनारे स्थित दुकानों से खाने पीने की चीजें हैं आवारा पशु झपट लेते हैं और तो और दोपहिया वाहनों में लगे बैग में रखी हुई सब्जी बैग को खोलकर पशु चट कर जाते हैं। गौरतलब है कि बड़ामलहरा विकासखंड अंतर्गत अनेक गौशाला में संचालित है मगर उन गौशालाओं में एक भी आवारा पशु देखने को नहीं मिलते। लोगों ने शिकायत में यह भी बताया है कि शासन से गौशालाओं इन पशुओं की खुराक के लिए एक निश्चित राशि आवंटित की जाती है जिसे गौशालाओं को संचालन करने वाले लोग मूक  पशुओं की खुराक के लिये मिलने वाली  राशि भी बेदर्दी के साथ हड़प कर जाते हैं। उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय समेत नगरी क्षेत्र में मुख्य सड़कों पर स्वच्छंद विचरण कर रहे गोवंश को गौशालाओं में भेजने के लिए जिले के संवेदनशील कलेक्टर संदीप जीआर तकरीबन दर्जन भर से ज्यादा बार संबंधित विभाग को गौवंश को हाका लगाकर गौशालाओं में भेजने के लिए निर्देशित भी कर चुके हैं इसके बावजूद भी संबंधित विभाग लापरवाह बना हुआ है। उल्लेखनीय तो यह भी है कि उक्त बेसहारा मवेशियों के स्वच्छंद विचरण करने के कारण अनेक दोपहिया वाहन चालक इनकी चपेट में आकर आजीवन अपाहिज भी हो चुके हैं।

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