मामला दमोह जिले में विधायक रामबाई के विधानसभा क्षेत्र पथरिया के घोघरा कला गांव का है। कुछ लोगों ने विधायक से शिकायत की थी, कि सरपंच पति खुमान सिंह ने प्रधानमंत्री आवास दिलाने के बदले हजारों रुपए लिए, जिसके बाद विधायक खुद गांव गईं और चौपाल लगाई। यहां उन्होंने फोन करके सरपंच पति को भी बुलाया। पहले तो उसने आनाकानी की लेकिन बाद में उसे चौपाल में आना पड़ा।
विधायक रामबाई ने चौपाल में लोगों से पूछा कि बताओ किसने-किसने खुमान सिंह को पैसे दिए हैं। जिसके बाद गांव के करीब 15 लोगों ने हाथ उठाए। उन्होंने रकम और नाम की एक सूची तैयार करवाई। रामबाई ने खुमान सिंह से कहा कि अभी के अभी सबके पैसे वापस करो, लेकिन सरपंच पति ने कहा फिलहाल मेरे पास इतने पैसे नहीं है, मैं अभी 10 लोगों को 25 हजार रुपए दे रहा हूं और बाकी लोगों के 65 हजार भी थोड़े दिन में दे दूंगा। रामबाई ने जो लिस्ट बनवाई उसके मुताबिक सरपंच पति ने 15 लोगों से कुल 91,500 रुपए की रिश्वत ली थी।
गंगा की कसम खाकर कहा, मुझसे लिए थे 8 हजार रुपए
विधायक ने जब गांव के हल्ले आदिवासी से पूछा कि तुमसे कितने रुपए लिए हैं, तो उसने कहा कि 8 हजार रुपए। इस पर विधायक ने पास में रखे पानी के लोटे को उठाकर कहा कि क्या तुम गंगा की कसम खाकर कह सकते हो कि तुमने 8000 दिए थे। तो उस आदिवासी ग्रामीण ने अपने सिर पर पानी से भरा लोटा रखा और कहा तो मैं गंगा की कसम खाकर कहता हूं और देवी जी के समक्ष उपस्थित होकर भी कह सकता हूं कि मैंने 8 हजार रुपए दिए थे। इसके बाद उसके रुपए वापस कराए गए।
वहीं, ग्रामीण प्रेमरानी ने बताया कि उससे 4500 लिए गए थे। सरपंच पति ने मौके पर ही महिला को भी रुपए दिए।
झूठी FIR की धमकी
गांव के मनोज आदिवासी ने बताया कि उससे ढाई हजार रुपए लिए थे। उसने विधायक को बताया कि उससे 5 हजार रुपए की मांग की गई थी। लेकिन उसने सरपंच पति से कहा था कि अभी ढाई ले लो, ढाई बाद में दे देना। ग्रामीण ने विधायक से कहा कि अभी तो सिर्फ 15 लोग सामने आए हैं। करीब 200 लोगों से सरपंच के पति ने रिश्वत ली हैं। जब भी कोई विधायक से शिकायत करने की बात कहता था तो उसे धमकी दी जाती थी और कहा जाता है कि यदि किसी ने विधायक से शिकायत की तो उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कराकर जेल भिजवा दिया जाएगा। इसलिए बहुत सारे लोग डरते हैं।
रामबाई बोलीं- मैंने पहले भी लोगों के पैसे वापस दिलवाए
विधायक रामबाई ने बताया कि गांव के लोगों ने शिकायत की थी। जिस पर मैंने कहा दोनोंं पक्ष को आमने-सामने बैठाएंगे फिर बात करेंगे। चौपाल में सरपंच पति ने माना कि उसने पैसे लिए। किसी से 10 हजार, तो किसी से 5 हजार। वैसे तो करीब 150-200 लोग शिकायतकर्ता हैं। लेकिन सामने 14-15 लोग आए थे। सरपंच ने मेरे समाने कुछ लोगों को पैसे लौटाए और कुछ लोगों को बाद में पैसे देने के लिए कहा।
विधायक ने कहा कि हमने अपने पूरे क्षेत्र में कह रखा है कि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार ग्रामीणों के साथ नहीं किया जाएगा। जब भी मुझे इस तरह की कोई शिकायत मिलती है, मैं लोगों के पैसे वापस कराती हूं। इसके पहले भी मैंने अपने क्षेत्र के कई गांवों में अधिकारियों को दी गई रिश्वत के रुपए वापस कराए हैं।
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