भोपाल से अशोक मनवानी
मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास की दृष्टि से देश के उद्योगपतियों का ध्यान खींचने में सफल हो रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 और 21 अक्टूबर को नई दिल्ली और पुणे में विभिन्न देशों के राजदूतों और प्रमुख उद्योगपतियों के साथ राउंड टेबल बैठक कर प्रदेश की उदार औद्योगिक नीति की विशेषताओं के बारे में विस्तृत ब्योरा दिया है। इससे निश्चित ही मध्यप्रदेश में बड़ा निवेश लाने में मदद मिलेगी। मध्य प्रदेश सरकार गत एक वर्ष से स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करा कर युवाओं को रोजी-रोटी दे रही है। मध्यप्रदेश सरकार औद्योगिक इकाइयों में युवा वर्ग को काम का अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में लगभग सवा लाख एकड़ भूमि उद्योगों की स्थापना के लिए उपलब्ध है। निवेश प्रस्तावों पर एक महीने में मध्यप्रदेश सरकार आवश्यक अनुमति दे देती है। जमीन के आवंटन से लेकर अन्य सुविधाएं देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार तत्पर रहती है। जिन क्षेत्रों में निवेश की संभावना है, उद्यमियों को प्रेरित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में जमीन की उपलब्धता की जानकारी भी प्रमुख औद्योगिक संस्थानों को दी गई है। महाराष्ट्र के बड़े नगरों जैसे मुंबई, पुणे, नागपुर आदि के आसपास विकसित होने वाले क्षेत्रों की तुलना में मध्यप्रदेश में काफी कम कीमत पर जमीन उपलब्ध है। बिजली भी भरपूर उपलब्ध है। मुख्यमंत्री श्री चौहान देश के उद्योगपतियों को मध्य प्रदेश के उद्योग अनुकूल राज्य होने की जानकारी निरंतर देते रहे हैं। वर्ष 2007 से करीब 10 इन्वेस्टर समिट मुंबई, बंगलुरु और इंदौर आदि नगरों में हुई हैं और इसके फलस्वरूप ही मध्यप्रदेश में काफी निवेश आया है।
मोदी के आत्मनिर्भर वाले मंत्र को आत्मसात किया "शिव" ने
कोरोना काल के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी के आत्मनिर्भरता के मंत्र को मध्यप्रदेश साकार कर रहा है। ओडीओपी जैसीअभिनव योजनाओं से जिलों के विशेष उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग का काम भी हो रहा है!उद्योग ,व्यापार और वाणिज्य के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। गौरतलब है शिव सरकार ने अपने 15 साल के कार्यकाल में प्रदेश में विकास का जाल बिछा दिया है!
(के साथ सागर से विपिन दुबे)
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