छत्तीसगढ़ से ब्यूरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

डोंगरगढ़।  : नवरात्र के दौरान भक्‍तजनों में उत्‍साह चरम पर है। विश्व प्रसिद्ध देवी मां के इस मंदिर में लोगों का तांता लगा हुआ है। हम इस मौके पर आपको एक ऐसे ही चमत्‍कारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आते हैं। इस साल एक ही दिन में पांच लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।

यह मंदिर छत्‍तीसगढ़ में स्थित राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ी पहाड़ी पर 1,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां स्‍थापित मंदिर में मां बम्लेश्वरी विराजीं हैं। मालूम हो कि इस मंदिर का अभी नवीनीकरण किया जा रहा है और इसका निर्माण कार्य वर्ष 2023 तक पूरा होगा। यह केंद्र सरकार के प्रसाद योजना के तहत स्वीकृत 46 करोड़ रुपये से हो रहा है।

यहां साल में दो बार (चैत व क्वांर) में नवरात्र पर लगने वाले मेले में करीब 20 लाख भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। सामान्य दिनों में भी हजारों श्रद्धालु माई के दरबार में हाजिरी लगाने आते हैं। देश के अलावा विदेशों से भी भक्त मां बम्लेश्वरी मंदिर में अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं।

मां बम्लेश्वरी मंदिर का इतिहास


मां बम्लेश्वरी शक्तिपीठ का इतिहास 2,200 वर्ष पुराना हैं। प्राचीन समय में डोंगरगढ़ वैभवशाली कामाख्या नगरी के रूप में जाना जाता था। मां बम्लेश्वरी को राजा विक्रमादित्य की कुल देवी भी कहा जाता है जो मध्यप्रदेश में उज्जयन के एक प्रतापी राजा थे। इतिहासकारों और विद्वानों ने इस क्षेत्र को कल्चूरी काल का पाया है।

The World Famous Maa Bamleshwari Temple: मंदिर की अधिष्ठात्री देवी मां बगलामुखी हैं, जिन्हें मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। मां को मंदिर में बम्लेश्वरी के रूप में पूजा जाता है। मां बम्लेश्वरी के दरबार में पहुंचने के लिए 1,100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। वैसे यहां रोप-वे की भी सुविधा है।

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