पर्युषण महापर्व के चौथे दिन - उत्तम शौच धर्म के दिन बक्स्वाहा के जैन मंदिर में श्री जी का हुआ जलभिषेक।

रिपोर्टर - सतीश रजक 
बक्स्वाहा // जैन धर्मावलंबियों के दस दिवसीय पर्युषण महापर्व, जिसे दस लक्षण महापर्व भी कहते हैं, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी 31 अगस्त से शुरू हो गए हैं। इस पर्व पर नगर के साथ साथ जिले भर के जैन मंदिरों में विद्युत लाईटों की मनोहारी सजावट की गई है। आत्मकल्याण और आत्म आराधना के महापर्व पर्युषण के पावन पर्व पर नगर के जैन मंदिरों में सुबह से ही श्रीजी की पूजन अभिषेक सहित अनेक धार्मिक तथा आध्यात्मिक कार्यक्रम एवं दस लक्षण पर्व पर विशेष प्रवचन किए जा रहे हैं। रात्रि में विविध जैन युवा मंच एवं पाठशाला के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है।
 समाज के कोषाध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि दस दिवसीय पर्युषण पर्व भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी 31 अगस्त से शुरू होकर भाद्रपद शुक्ल अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर 22 तक पूरे नियम और संयम के साथ मनाया जा रहा है। इन दस दिनों में जैन धर्मावलंबी धर्म के दस धर्मों का पालन पूरी धार्मिक प्रभावना के साथ कर रहे है। धर्म के इन दस धर्मों में प्रथम दिवस उत्तम क्षमा धर्म, द्वितीय दिवस उत्तम मार्दव धर्म, तृतीय दिवस उत्तम आर्जव धर्म, चतुर्थ दिवस उत्तम शौच धर्म, पंचम दिवस उत्तम सत्य धर्म, छठा दिन उत्तम संयमधर्म ( सुगंध दशमी ), सप्तम दिवस उत्तम तप धर्म, अष्टम दिवस उत्तम त्याग धर्म, नवम दिवस उत्तम आकिंचन्य धर्म, दशम दिवस उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म (भद्रपदशुक्ल, अनंत चतुर्दशी) मनाया जाएगा।


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