इन 10 जिलों के विकास के लिए केन्द्र सरकार राशि देती है। जो सीधे जिला कलेक्टर के खाते में दी जाती है। इन योजनाओं की निगरानी सीधे नीति आयोग करता है। इसके अलावा राज्य के वित्त विभाग में भी एक केन्द्रीय अफसर की नियुक्ति की गई है। जो पीएफएमएस के तहत केन्द्रीय योजनाओं की मॉनिटरिंग करती है। राज्य सरकार पर आरोप लगते रहे हैं कि वह केन्द्रीय योजनाओं की राशि परिवर्तित कर अपनी योजनाओं में खर्च कर रही है। साथ ही वह केन्द्रीय योजनाओं के लिए मैचिंग ग्रांट भी जारी नहीं करती। इस फिडबैक के बाद ही केन्द्र सरकार ने अपने मंत्रियों के सीधे आकांक्षी जिलों में भेजकर ग्राउंड रिपोर्ट लेने का फैसला किया है।
इन जिलों में जायेंगे केंद्रीय मंत्री
संसदीय कार्य एवं वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बस्तर, नित्यानंद राय बीजापुर, देव सिंह चौहान दंतेवाड़ा, भानुप्रताप सिंह कांकेर, अश्वनी चौबे कोरबा, महेन्द्र नाथ पाण्डेय नारायणपुर, और रेणुका सिंह सुकमा का दौरा करेंगी। ये मंत्री केन्द्रीय योजनाओं की मैदानी हकीकत और केन्द्र से मिली राशि के उपयोग पर जिलाधिकारियों से फीडबैक लेंगे। साथ ही स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं से चर्चा भी करेंगे।
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