छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

रायपुर। सीएम भूपेश बघेल 'राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव' कार्यक्रम में आदिवासी नृत्य देख मंत्रमुग्ध हुए. नृत्य करते कलाकारों को देख स्वयं को नहीं रोक पाए और उनके साथ नृत्य करने लगे. दरअसल रायपुर में देशभर के साहित्यकारों, विद्वानों, शोधार्थियों का आज समागम हो रहा है. आदिम जाति और अनुसूचित जाति विभाग की तरफ से राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का आयोजन किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पंडित दीनदयाल ऑडिटोरियम में दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया.


सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को अब अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है. हमने तीन वर्षों में यहां की संस्कृति, पंरपराओं को बढ़ावा दिया. पहले लोग छत्तीसगढ़ आने से डरते रहे हैं. इस राज्य को नक्सल के नाम से जानते थे, लेकिन पिछले तीन साल में हमने यहां का गौरव वापस दिलाने लगातार प्रयास किया. आदिवासी महोत्सव में विदेशी कलाकार भी आए और अब लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है. बहुत सी जनजातीय बोलियां ख़त्म हो रही हैं, जो कि चिंता का विषय है, छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों का जल, जंगल, जमीन बचाने प्रतिबद्ध है.

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