अधीनस्थ कर्मचारियों से प्रताड़ित बीएमओ ने लगाए गंभीर आरोप बक्सवाहा -
लंबे समय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बक्सवाहा में चल रहा अंदरूनी विवाद और वर्चस्व की लड़ाई अब सड़कों पर नजर आने लगी है।आज बक्सवाहा बीएमओ ललित उपाध्याय ने नगर के सभी पत्रकार बंधुओं को बुलाकर अपनी पीड़ा और व्यथा के साथ-साथ अस्पताल की अव्यवस्थाओं सहित अस्पताल में चल रही अधीनस्थ कर्मचारियों की मनमानी एवं राजनैतिक रसूख का दुरुपयोग बताते हुए अन्य बहुत से गंभीर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। मीडिया को बी एम ओ ललित उपाध्याय ने संबंधित अधीनस्थ कर्मचारी का नाम नही बताया। इशारों इशारों में बहुत कुछ बताया उन्होंने बताया कि पिछले काफी समय से बक्सवाहा नगर के लोकल अधिनस्थ कर्मचारी जो राजनीतिक पकड़ रखते हैं। अपनी मनमानी पर उतारू है और समस्त स्टाफ पर अनावश्यक दबाव बनाते हुए अपनी मनमर्जी पूर्वक कार्य करते हैं आलम यहां तक है कि एक व्यक्ति विभाग के समस्त प्रभार स्वत: स्वैच्छिक अथवा षडयंत्र पूर्वक हासिल करता जा रहा है। और अब तो स्थिति यह है की चेक पर साइन करना बीएमओ की मजबूरी और संबंधित कर्मचारी की मंशा बन गई है।
रात्रि में हुये वाकया अनुसार ललित उपाध्याय अपने चेंबर में बैठे थे तभी संबंधित कर्मचारी चेंबर में आया और अनावश्यक रूप से वार्तालाप करते हुए धमकी देने लगा कि यदि स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करना है अथवा यहां रहना है तो हमारे निर्देशन में काम करना होगा आप भले ही बीएमओ जैसे पद पर रहे या कोई भी हो लेकिन यदि बक्सवाहा में काम करना है तो हमारे अनुसार ही चलना पड़ेगा। अन्यथा आपका बोरिया बिस्तर बंधवा दिया जाएगा या आपको षडयंत्र पूर्वक किसी प्रकरण में फसाकर पद से पृथक करवा देंगे।
उपाध्याय ने बताया पिछले कुछ दिनों पूर्व दीपक बाल्मिक लेखापाल पद पर पदस्थ था जिसे षड्यंत्र पूर्वक पद से पृथक करके अयोग्य होने के बाद भी संबंधित व्यक्ति द्वारा स्वयं लेखापाल का पद प्रभार हासिल कर लिया है और ऐसे सभी महत्वपूर्ण प्रभार भी उसने अपने पास रखे हैं लेकिन राजनैतिक रसूख और क्षेत्रीय व्यक्ति होने के कारण मैं स्वयं दबाव महसूस कर रहा हूं और मानसिक रूप से प्रताड़ित हूं।
मैंने जब से यहां काम किया है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त समस्त व्यवस्थाओं में सुधार करते हुए काफी प्रयास किए हैं कि इस सीएचसी को राज्य स्तरीय सुविधाएं और नाम उपलब्ध कराए जाएं शासन की मंशानुरूप काम करते हुए मैंने हर संभव प्रयास किया है जिससे लोगों को तमाम सुविधाएं और सहायता के साथ-साथ व्यवस्थित और समुचित इलाज उपलब्ध हो सके परंतु स्वार्थगत लोगों द्वारा अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए मुझ पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है जिसके चलते मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित हूं और यह सभी जानकारी मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को मौखिक रूप से दी है तथा लिखित रूप से भी दे रहा हूं साथ ही बहुत जल्द और भी बड़े खुलासे करुंगा।
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