संवाददाता नरसिंहपुर अमित वर्मा
लाखों श्रद्धालु ब्रह्म घाट बरमान नर्मदा नदी तट पर पदयात्रा करके दर्शनों के लिए पहुंचे नर्मदा नदी में दीपदान के दीपों से सज गई जल धारा
नर्मदा तट पर चुनरी झंडा यात्रा की लगी रही कतार
जगह जगह भक्तों ने किए भंडारे का आयोजन
एंकर- ऐसी मान्यता है कि आज के ही दिन धरती पर मां नर्मदा का अवतरण हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार कहते हैं कि ईश्वर कलयुग में साक्षात पृथ्वी पर नहीं आ सकते इसलिए साक्षात मनुष्यों के लिए पवित्र नदियों को पृथ्वी पर भेजा है ताकि मनुष्यों का उद्धार हो सके। जिनमें से एक पवित्र नदी मां नर्मदा है। नर्मदा नदी एक ऐसी पवित्र नदी है जिनके दर्शन मात्र से ही पुण्य लाभ मिलता है और पाप से मुक्ति भी मिलती है। संपूर्ण नरसिंहपुर जिले और आसपास के जिले से लाखों श्रद्धालु नर्मदा जयंती पर बरमान घाट ब्रह्मा की तपोभूमि नर्मदा तट तक पदयात्रा कर दर्शनों के लिए पहुंचे। सागर, सिवनी, छिंदवाड़ा,होशंगाबाद जिले से सौ से डेढ़ सौ किलोमीटर की पदयात्रा कर श्रद्धालुओं ने नर्मदा तट बरमान घाट पहुंच कर दीप दान किए। लगभग 25 चुनरी को लेकर श्रद्धालु पैदल यात्रा करते हुए बरमान नर्मदा नदी तट पर पहुंचकर मां नर्मदा को चुनरी अर्पित की । नर्मदा जयंती पर पदयात्रा के लिए विशेषकर करेली केंद्र बिंदु माना जाता है यहां से मां नर्मदा की पद यात्रा का आरंभ किया जाता है। प्रदेश की जीवनदायिनी शिवपुत्री माँ नर्मदा की जन्म जयंती पर्व मनाने ढोल नगाड़ों, चुनरियां लेकर बरमान घाट हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंचे। बहुत से श्रद्धालु सरे भरते हुए मां के तटों तक पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाकर दीपदान किया । नर्मदा जयंती पर पंचकोशी यात्रा का का विशेष महत्व माना जाता है जिसके लिए हजारों श्रद्धालुओं पंचकोशी यात्रा करके इस विशेष महत्व का धर्म लाभ लिया। नर्मदा सेवकों ने पदयात्रा कर रहे श्रद्धालुओं के लिए जगह जगह भंडारे का आयोजन किया है। सामाजिक संस्थाओं ने नर्मदा भक्तों को कोई समस्या ना हो जिसके लिए चिकित्सा व्यवस्था रखी गई। जिले और आसपास से आई पुलिस व्यवस्था
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