छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

अम्बिकापुर / मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पी.एस. सिसोदिया के निर्देशानुसार गुरुवार को अम्बिकापुर विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मेण्ड्राकला में बालिका स्वास्थ्य एवं माहवारी स्वच्छता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में छात्राओं को माहवारी स्वच्छता के संबंध में जानकारी दी गई।
      डॉ वर्षा शर्मा ने छात्राओं को बताया कि किषोरावस्था में माहवारी की शुरूआत लड़कियों में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बदलाव है। लड़कियों व महिलाओं में स्वास्थ्य और सम्मान के साथ-साथ सुरक्षित माहवारी अति आवष्यक है। माहवारी से जुड़ी गलत धारणाओं व मिथकों को दूर करने के लिए किषोरी लड़कियों के साथ माहवारी स्वच्छता के बारे में बातचीत करना बहुत आवष्यक है। माहवारी के दौरान प्रचलित स्वच्छता न रखने जैसी कुछ आदतों के कारण होने वाले संक्रमण की संभावना को कम किया जा सकता है। माहवारी स्वच्छता से संबंधित जानकारी व हुनर होने से लड़कियों की उनके स्कूल में उपस्थिति में बढ़ोत्तरी होती है।
       डॉ प्रीति मॉनिक ने छात्राओं से माहवारी स्वच्छता के प्रति नियमित रूप से स्नान करने, निजी अंगों को साफ रखने, यदि कपड़े का पैड इस्तेमाल करने की सलाह दी।  ऐसा होने पर कपड़ा साफ सुथरा रखने तथा उसका निष्पादन नियमित साफ-सफाई सही तरीके से करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमेषा साफ और सूखा सैनिटरी नैपकिन इस्तेमाल करने, एक दिन में कम से कम दो बार नैपकिन बदलने से संक्रमण का खतरा नहीं होगा क्योंकि जीवाणु गीले और गरम नैपकिन में आसानी से बढ़ते है और यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यूनिसेफ सलाहकार श्रीमती ममता चौहान ने बताया कि बालिकाओं को माहवारी शरीर की एक साधारण प्रक्रिया है, इसमें शर्माने या गन्दा महसूस करने की जरूरत नहीं है। माहवारी के समय साफ-सुथरा व स्वच्छ रहना चाहिए। उन्हें अपने शरीर का ध्यान रखते हुए अच्छा खान-पान, योगा, व्यायाम, सैनिटरी नैपकिन या कपडे़ का इस्तेमाल करना चाहिए।
     इस अवसर पर संस्था की प्राचार्या भारती वर्मा, व्याख्याता श्रीमती चंदा श्रीवास्तव, डॉ श्रीकांत चौहान, श्रीमती कविता सिंह, कम्बी शेखर राव एवं प्रषान्त कष्यप उपस्थित थे।

Post a Comment

और नया पुराने
RNVLive NEWS WEB SERVICES