छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

धमतरी 03 फरवरी 2022/ धमतरी के नगरी दुबराज को जी.आई.टैग मिलने से अब विश्वभर में इसकी सुगंध फैलेगी। बता दें कि इस बारीक और खुशबूदार चावल को हाल ही में दिसंबर माह में जी.आई.टैग मिला है। सुगंधित नगरी दुबराज चावल को दिसम्बर 2021 में जियोग्राफिकल रजिस्ट्री कार्यालय चेन्नई द्वारा जी.आई.टैग दिया गया है। जी.आई. टैग एक प्रकार का लेबल होता है, जिससे किसी उत्पाद को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है। जी.आई.टैग उत्पादन को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। इसके द्वारा स्थानीय उत्पादों को राज्य के अलावा देश-विदेश में पहचान बनाने में मदद मिलती है।
 ध्यान रहे नगरी के सिहावा पहाड़ और महानदी के किनारे में तराई क्षेत्र में नगरी दुबराज की उत्पत्ति मानी जाती है। इस चावल की खासियत यह है कि यह बहुत ही सुगंधित होता है और इसके दाने पतले होते हैं। यह पकने के बाद बेहद नरम और मुलायम होता है। एक एकड़ में अधिकतम 8 से 10 क्विंटल तक उपज मिलती है। यह एक दीर्घ अवधि की धान की किस्म है। आत्मा और कृषि विकास योजना के तहत फिलहाल नगरी के 800 से एक हजार एकड़ क्षेत्र में इसकी खेती की जा रही है। अब इसे जीआई टैग मिलने से किसानों की आय में वृद्धि और इस चावल की महत्ता बढ़ेगी। इससे उम्मीद है कि नगरी दुबराज की सुगंध पूरे विश्व में फैलेगी।

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