छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मिडिल स्कूल और लेक्चरर के प्रमोशन पर रोक लगा दी है। बता दे कि राज्य सरकार ने प्रमोशन के लिए अनुभव को 5 साल से घटाकर 3 साल कर दिया था। जिससे काफी हद तक सीनियर शिक्षकों का प्रमोशन प्रभावित हो रहा था। इसको लेकर सीनियर शिक्षकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे कर जवाब मांगा था।

गौरतलब है कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के लिए साल 2010 में विभागीय पदोन्नति का प्रावधान लागू किया गया था। इसके तहत उन्हें सीमित परीक्षा देकर मिडिल स्कूल का हेडमास्टर बनाना था। ऐसे में विभागीय परीक्षा देकर कई शिक्षाकर्मी हेडमास्टर बन गए हैं। जिन्हें ई-कैडर शिक्षक का नाम दिया गया है। बाकी शिक्षक शिक्षाकर्मी बने रहे। बाद में 2018 में राज्य सरकार ने नीतिगत निर्णय लेते हुए शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर दिया। उन्हें एल बी शिक्षक का नाम दिया गया। शासन के नियम अनुसार शिक्षकों को पांच साल की सेवा के बाद प्रमोशन दिया जाना है। लेकिन, राज्य शासन ने दिसंबर 2021 में एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें पांच साल के अनुभव को कम कर तीन साल कर दिया। जिसे ई-संवर्ग के शिक्षकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

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