छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

अम्बिकापुर/ सरगुजा जिले के गोठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर  के रूप में विकसित कर गोठान से जुड़ी समूह की महिलाओं के लिए आजीविका का साधन मुहैया कराया जा रहा है। इसी कड़ी मे समूह की महिलाओं ने 14 आदर्श गोठानों में जापानी बटेर पालन की शुरूआत की है। जापानी बटेर 45 दिन में ही करीब 250 ग्राम का हो जाता है जो करीब 70 रुपये नग में बिक जाता है। कम समय में अच्छी आमदनी प्राप्त होने से  जापानी बटेर पालन महिला समूहों के लिए आजीविका का सशक्त माध्यम बन गया है जिससे वे आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं। अब तक महिलाओं ने करीब 95 हजार रुपये के बटेर बेच चुके हैं।
        पशुपालन विभाग द्वारा शुरुआत में प्रति गोठान 300 नग जापानी बटेर प्रदाय किया गया है। गोठान में जापानी बटेर के लिए मनरेगा अंतर्गत बटेर शेड का निर्माण कराया गया है। बहुत कम समय में अच्छी आमदनी प्राप्त होने से बटेर पालन कर रहे समूह की महिलाओं के लिए तरक्की का द्वार खोलने वाला व्यवसाय बन गया है। बटेर की बिक्री लगातार की जा रही है। बिक्री से प्राप्त राशि से महिलाएं अगले चरण के लिए स्वयं बटेर के चूजे खरीदने में सक्षम होंगी और चरणबद्ध तरीके से बटेर पालन संचालित होते रहेंगे।
        कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन में जिले के स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के सहयोग से 14 आदर्श गोठनों में जापानी बटेर की देख-रेख की जा रही है। कलेक्टर श्री झा ने बताया कि गोठान से जुड़ी महिलाओं की आर्थिक सशक्तिकरण के लिए गोठानों में वर्ष भर आजीविका गतिविधियां चलती रहे इसके लिए कई कार्ययोजनायें बनाई गई है। गोठानों में बटेर पालन, अंडे देने वाली मुर्गी का पालन, ब्रायलर मुर्गा पालन, लाख पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन, सब्जी की खेती, बोरा निर्माण और औद्योगिक इकाईयों का स्थापना की जा रही है।

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