छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

राजनांदगांव  : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के बूढ़ा सागर के सौंदर्यीकरण की परतें खुलने लगी हैं। सौंदर्यीकरण के नाम पर करीब 60 लाख की लागत से वॉटर फॉल बनाया गया था, लेकिन वॉटर फॉल के नाम पर केवल दीवार ही मौजूद है। इसे चित्रकूट की तर्ज पर बनाया तो गया लेकिन अब इसकी परतें भी उखड़ चुकी हैं। बर्ड पार्क में 40 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन बर्ड पार्क में सिर्फ कुंड (छोटा सरोवर) ही साबुत दिख रहा है। यही हाल सड़कों का भी है। जो बनते ही उखड़ गई हैं। जबकि ठेकेदार को कुल 15 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।

सौंदर्यीकरण में लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद महापौर ने जांच कमेटी बनाई। इसमें तकनीकी अफसरों के साथ तीन कांग्रेस और तीन भाजपा पार्षद शामिल हैं। जांच टीम में शामिल भाजपा पार्षदों बीते दिनों भाजपा पार्षदों ने तकनीकी अफसरों के साथ मौके का निरीक्षण किया। इसमें सौंदर्यीकरण के नाम पर हुई मनमानी खुलकर सामने आई। त्रिवेणी परिसर के लिए बनी सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है, टाइल्स भी खिसक गई हैं।

लोहे के दरवाजे और सीमेंट की कुर्सियां टूटी
बूढ़ासागर तक आने वालों का सफर सुगम करने त्रिवेणी परिसर वाले हिस्से में सड़क का निर्माण कराया गया। उक्त सड़क के निर्माण में भी निगम ने लाखों रुपए खर्च किए। लेकिन निर्माण के कुछ महीने बाद ही सड़क पूरी तरह उखड़ गई है। इस हिस्से में लगे लोहे के दरवाजे और बैठक के लिए रखी गई सीमेंट की कुर्सियां भी टूटी-फूटी पड़ी हैं। ये सभी काम सौंदर्यीकरण में शामिल हुए हैं। लेकिन शहर में मनमानी का ऐसा मंजर लोगों को दिख रहा है।

समतलीकरण के नाम पर डंप कर दी गई मिट्‌टी
बार्ड पार्क के हिस्से में गौरव पथ किनारे समतलीकरण का दावा किया गया। लेकिन मौके पर पूरा हिस्सा समतल तक नहीं दिखा। उस पर मिट्टी की ढेर इन हिस्सों में लगा दिए गए है। जो पूरे इलाके की खूबसूरती को और भी खराब कर रहे हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बर्ड पार्क में ही अब तक 40 लाख खर्च हो चुके हैं, लेकिन निर्माण के नाम पर केवल एक छोटा सरोवर ही बन पाया है। बर्ड पार्क में कुंड बनाया गया है, जिसका फिलहाल कोई औचित्य नहीं है।

मिट्टी बेचे या इस्तेमाल किए, नहीं बता रहे ​​​​​​​
बूढ़ासागर तालाब से सौंदर्यीकरण शुरू होने के दौरान करीब 600 ट्रिप मिट्टी खुदाई से निकाली गई थी। लेकिन इस मिट्टी को कहां खपाया गया, इसका हिसाब भी निगम के अफसरों के पास नहीं हैं। जांच टीम में शामिल नेता प्रतिपक्ष किसुन यदु ने मिट्टी बेचने या इस्तेमाल किए जाने के संबंध में मौजूद दस्तावेज मांगे थे। लेकिन अफसरों ने अब तक मिट्टी के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं दी है।

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