छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी


महिलाएं अनेक आजीविका के गतिविधियों में शामिल होकर माह में 30 हजार तक आर्थिक लाभ भी अर्जित कर रही है

बगीचा का पाठ क्षेत्र में आलू की खेती के लिए मिट्टी एवं जलवायु उपयुक्त है

जशपुरनगर 21 फरवरी 2022/बगीचा विकासखंड के सुलेसा गोठान की जय भवानी स्व-सहायता समूह की 10 महिलाएं आलू की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रही है। बगीचा विकासखंड में कुल 1347  समूह संचालित है इनमें से जय भवानी समूह द्वारा गौठान में साग-सब्जी की खेती के साथ आलू की खेती कर रही है। पाठ क्षेत्रों में आलू की खेती के लिए यहां की मिट्टी एवं जलवायु बहुत उपयुक्त है। इन क्षेत्रों में किसानों को आलू की खेती से अच्छा मुनाफा भी होता है। पाठ क्षेत्र के आलू अन्य राज्यांे में भी भेजे जाते है। जिससे किसानों को आलू का अच्छा और सही दाम मिल जाता है।
समूह की महिलाओं ने इसी उद्देश्य से गौठान में आलू की खेती करना शुरू किया। जय भवानी स्व-सहायता समूह को बिहान योजना के तहत् समूह को चक्रिय निधि के रूप में 15 हजार की राशि दी गई। इनमें समूह में बचत राशि में वृद्धि के रूप में सहयोग मिली। समूह के बीच में आपसी लेन-देन व समय पर ऋण वापसी होने के कारण बचत राशि बढ़ने लगे। इस समूह में 10 सदस्य जूड़े हुए है। और प्रतिमाह 100 रुपए जमा किया जाता है। बचत राशि को जमा करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक बगीचा में बचत खाता खुलवाया गया है। और समूह द्वारा प्रतिमाह बचत राशि को बैंक में जमा करते है। 
बगीचा जनपद सीईओ श्री विनोद सिंह ने बताया कि जय भवानी स्व-सहायता समूह को दो वर्ष की बचत राशि से अपनी बचत की पैसे से योजना बनाई और समूह ने व्यवसाय के रूप में गतिविधियां संचालित करने लग गए। 2018 से समूह ने रेडी-टू-ईट बनाने का कार्य चालू किया और वर्तमान में भी कार्य कर रही है। जिससे आय में बढ़ोतरी होने लगी और कार्य करने के लिए पूंजी के रूप में बैंक लिकेज के माध्यम से 1 लाख रुपए के ऋण के रूप में समूह को दिया गया। समूह की महिलाओं ने बताया कि व्यवसाय से जुड़ने से समूह की आय में वृद्धि होने लग गई और उनके आर्थिक स्तर में भी सुधार होने लग गया। समूह की महिलाएं बिहान योजना से जुड़ने के बाद गोठान का कार्य 2021 से पंचायत और गोठान समिति के सहयोग से बेहतर संचालन कर रही है। और गोठान में उन्होंने सामुदायिक बाड़ी का कार्य प्रारंभ किया गया है।
महिलाओं ने बताया कि 10 महिला सदस्य मिलकर गौठान की चार एकड़ बाड़ी में लगभग 10 क्विंटल बरसाती आलू की खेती किए थे। जिसमें लगभग कुल 90 हजार लगाया गया और समूह को आलू की खेती से सीजन अनुसार 1 लाख 40 हजार रुपए का लाभ प्राप्त हुआ है। महिलाओं ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा वित्तीय सहायता राशि मिलने पर आजीविका गतिविधियों के रूप में एक से अधिक व्यवसाय को चुनकर आज हमारा समूह आर्थिक रूप से उपर उठकर हर माह 20 से 30 हजार रुपए का आर्थिक लाभ अर्जित कर रहा है। उन्होंने बताया कि बिहान योजना के तहत् समूह को 15 हजार रुपए अनुदान राशि मिला और सूक्ष्म ऋण योजना के तहत् 60 हजार लेकर हमारी समूह एक से अधिक गतिविधियां बढ़ा रही है। और समूह के सदस्यों को आर्थिक मदद भी हो रहा है। महिलाओं ने बताया कि आलू को मण्डी में थोक विक्रेताओं को विक्रय कर दिया जाता है। जिससे उन्हें तुरंत पैसा भी मिल जाता है और महिलाएं आलू की खेती करके खुश नजर आ रही है।

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