छत्तीसगढ़ से ब्यूरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी 

देश दुनिया - ओमिक्रॉन के संकट के बीच देश को पहली एमआरएनए वैक्सीन फरवरी तक मिलने की उम्मीद है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक एमआरएनए वैक्सीन का फरवरी में लोगों पर परीक्षण किया जा सकता है। पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स ने वैक्सीन के पहले दो चरण के आंकड़े औषधि महानियंत्रक को सौंप दिए हैं। वहीं तीसरे चरण के आंकड़े भी जल्द ही सौंपने वाले हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जल्द ही आंकड़ों की समीक्षा की जा सकती है। जल्द ही प्रभावकारिता और इम्यूनोजेनेसिटी के लिए मनुष्यों पर परीक्षण किया जाएगा। इससे पहले सितंबर 2021 के महीने में कहा था कि भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल ने एचजीसीओ-19 के पहले और दूसरे और तीसरे चरण के अध्ययन को अपनी मंजूरी दे दी थी।

वैक्सीन विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने पहले चरण के डेटा की समीक्षा की। इसमें पाया कि वैक्सीन सुरक्षित है। साथ ही प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी सहायक है। भारत में लगभग 10-15 स्थलों पर इसके बारे में अध्ययन किया जा रहा है। उधर, 22-27 स्थानों पर तीसरे चरण का अध्ययन किया जा रहा है। एमआरएनए वैक्सीन न्यूक्लिक एसिड टीकों की श्रेणी से संबंधित है।

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