छत्तीसगढ़ से ब्यूरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी 

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण लंबे समय बंद पड़े स्कूल जल्द फिर से खोले जा सकते हैं। केंद्र सरकार इस संबंध में जल्द ही नए मानदंडों पर फैसला ले सकती है। कोविड-19 वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के सामने आने के बाद से ही देश के अधिकांश राज्यों में स्कूलों को शारीरिक कक्षाओं के लिए बंद कर दिया गया था। वहीं, ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।

अब सूत्रों ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार स्कूल खोलने के लिए नए मॉडल पर मंथन कर रही है। सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार सभी कोविड-19 संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूलों को शारीरिक कक्षाओं के लिए खोलने के लिए एक मॉडल पर काम कर रही है।

कोरोना महामारी के कारण, छात्र लगभग दो वर्षों से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। वे ज्यादातर ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेकर काम चला रहे हैं। इससे लर्निंग क्राइसिस जैसे परिणाम की आशंका भी बनी हुई है। वहीं, एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा, अभिभावकों की ओर से उठ रही स्कूलों को खोलने की मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूलों को खोलने के लिए एक मॉडल पर काम कर रही है। वहीं इस बीच, महामारी और सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ चंद्रकांत लहरिया और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की अध्यक्ष यामिनी अय्यर के नेतृत्व में अभिभावकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की थी।

प्रतिनिधिमंडल ने 1,600 से अधिक अभिभावकों द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को सौंपा था। इसमें स्कूलों को फिर से खोलने की मांग की गई थी। उधर, कुछ अन्य राज्यों में भी इसी तरह की मांग की गई है, हालांकि अभिभावकों का एक अन्य वर्ग ऑनलाइन कक्षाओं को जारी रखने के पक्ष में रहा है। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में स्कूलों को फिर से खोलने की सिफारिश की थी, लेकिन दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गुरुवार को इस पर फैसला अगली बैठक तक के लिए टाल दिया।

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