छत्तीसगढ़ से ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

▪️डॉ.पटेल ने लगवाया पहला प्रिकॉशन डोज़

खरसिया - कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन तथा डेल्टाक्रोन से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार से बूस्टर डोज़ लगाने का काम शुरू कर दिया है। इस बूस्टर डोज़ को प्रिकॉशन डोज़ का नाम दिया गया है।

बीएमओ डॉ.अभिषेक पटेल ने स्वयं को प्रिकॉशन बूस्टर डोज लगवा कर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सिविल अस्पताल में 10 जनवरी से कोरोना के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग की निर्णायक जंग शुरू कर दी है। वहीं डॉ.पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की नीतियों के अनुसार दूसरी डोज़ लगने के 9 माह बाद हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स तथा गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों को बूस्टर डोज़ लगाया जा रहा है। बताया कि बुजुर्गों को बूस्टर डोज़ के लिए किसी प्रकार के डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता नहीं है।

▪️बूस्टर डोज़ है जरूरी

उल्लेखनीय होगा कि कोरोना अपने नए वेरिएंट से जन समुदाय को तीसरी बार प्रभावित करने आ रहा है। वहीं इसका कोई स्थाई इलाज भी नहीं है। ऐसे में इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन को ही असरदार माना जा रहा है। अब तक देखा गया है कि कोविड-19 के टीके गंभीर बीमारियों को एवं अस्पताल में भर्ती मरीजों की मौत की जोखिम को कम करने में प्रभावकारी साबित हो रहे हैं। ऐसे में जिन्होंने भी कोवि-शील्ड अथवा को-वैक्सीन के दूसरे डोज़ से 9 माह का अंतराल पूरा कर लिया है, उन्हें स्वतः बूस्टर डोज़ लगवाने के लिए आगे आना चाहिए।

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