म.प्र.पंचायत चुनाव स्थगित करने से भाजपा सरकार का पिछड़ा वर्ग विरोधी व असंवैधानिक चेहरा उजागर होने का आरोप लगाते हुए म.प्र.कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि आखिर कार मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव स्थगित कर दिए गए। स्थगन का बहाना कोरोना महामारी को बनाया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि चुनाव की प्रक्रिया ही पूरी तरह असंवैधानिक थी। कांग्रेस पार्टी ने इस बात को शुरू में ही स्पष्ट कर दिया था। मध्य प्रदेश सरकार ने जानबूझकर पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को खत्म कराने का षड्यंत्र रचा था। श्री चौधरी ने कहा कि अगर माननीय कमलनाथ सरकार द्वारा बनाई गई रोटेशन प्रणाली से ही पंचायत चुनाव कराए जाते तो कोई संवैधानिक संकट खड़ा नहीं होता। उसके बाद जब कांग्रेस पार्टी ने रोटेशन प्रणाली को सही ढंग से लागू करने की मांग उठाई थी, उस पर भी विचार नहीं किया गया जिससे यह स्पष्ट हो गया हैं कि प्रदेश की नियत खराब थी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने के फैसले के समय मध्य प्रदेश सरकार के वकील जानबूझकर खामोश बने रहे। उसके बाद माननीय कमलनाथ जी ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं होने दिए जाएंगे। तब जाकर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार जागी और माननीय कमलनाथ जी की इच्छा के मुताबिक विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया। श्री चौधरी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से कहना चाहती है कि मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव पूरे संवैधानिक तरीके से कराए जाएं उसमें ओबीसी वर्ग और समाज के सभी वर्गों को संविधान के मुताबिक प्रतिनिधित्व मिले। माननीय कमलनाथ जी ने मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण दिया है उसी के आधार पर पंचायत चुनाव होने चाहिए। जहां तक कोरोना वायरस महामारी का सवाल है तो सरकार को इसकी रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।

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