खरसिया -अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस के अवसर पर शुक्रवार को राजधानी स्थित घरौंदा आश्रय गृह के दिव्यांग-जनों ने खेलकूद तथा विभिन्न स्पर्धाओं में भागीदारी निभाकर बताया कि समाज भले ही हमें हीन से देखता हो और अल्पबुद्धि मानता हो, पर प्रतिभाएं हमारे पास भी हैं, हम भी किसी से कमतर नहीं है। वहीं अपनों से दूर रहने वाले इन जनों के चेहरे पर खिली चमक बता रही थी कि मानो उन्होंने आज आसमान छू लिया है!

समाज कल्याण विभाग तथा जिला कलेक्टर के निर्देश पर घरौंदा की संचालिका मीना मुकेश शर्मा ने शुक्रवार को नृत्य, कुर्सी दौड़ आदि विभिन्न विधाओं के सांस्कृतिक आयोजन कर अपनों से बिछड़े और दिव्यांग माने जाने वाले इन जनों के लिए आज के दिन को त्यौहार की तरह मनाया। विविध प्रकार के व्यंजनों तथा नवीन वस्त्र आभूषण पाकर घरौंदा आश्रय गृह के सभी बालक बालिकाओं को वह खुशी मिली जो संभवतः उनके घरों में भी उपलब्ध नहीं हो पाती।

इस अवसर पर डायरेक्टर डॉ.मीना मुकेश शर्मा ने कहा कि इस आधुनिक समाज में भी ज्यादातर लोग शारीरिक तथा मानसिक रूप से कुछ वंचित लोगों को उपेक्षा की नजर से देखते हैं, जबकि यह तो प्रकृति की देन है, व्यक्ति विशेष की कमी नहीं। शासन और समाज को चाहिए कि ऐसे लोगों से विशेष सहानुभूति रखते हुए इन्हें मुख्यधारा के साथ जोड़ा जाए।

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