खरसिया। विकासखंड शिक्षाधिकारी एके भारद्वाज के मनमानी रवैये से खरसिया ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था दिन-ब-दिन चरमरा रही है। वहीं यह आलम बरसों से बना हुआ है। परंतु जवाबदारों को तथा जनप्रतिनिधियों को देश का भविष्य कहे जाने वाले छात्रों के प्रति कोई रुचि दिखाई नहीं पड़ रही। ऐसे में बीईओ की मनमानी दिन-ब-दिन बढ़ती ही चली जा रही है और शिक्षा व्यवस्था करीब करीब चौपट सी हो गई है।
खरसिया शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। कहीं बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, तो कहीं चंद बच्चों की उपस्थिति वाले स्कूलों में जरुरत से ज्यादा शिक्षकों को तैनात कर दिया गया है। बीईओ द्वारा शिक्षा विभाग में लंबे समय से अटैचमेंट का खेल चल रहा है। जिसके कारण एकल शिक्षकिय रानीसागर, मा.शाला रजघट्टा के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों का भविष्य दांव पर है। वहीं जिस स्कूल में कम बच्चे हैं वहां शिक्षकों की संख्या ज्यादा है जबकि ग्रामीण अंचल के स्कूलों में लगातार शिक्षकों की कमी होती जा रही है।
▪️नेक दिल व्यक्तित्व के धनी हैं बीईओ
इस बात पर किसी शक हो सुबह की गुंजाइश नहीं कि एके भारद्वाज बहुत ही नेक दिल और जिंदादिल इंसान हैं। परन्तु अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में सफल दिखाई नहीं दे रहे। यूं ही आरोप नहीं लग रहे। उनके कार्यालय के आदेश पत्र क्रमांक 1045स्थापना 3/2021-22दिनांक16-09-2021 को एक ही आदेश क्रमांक पर दो भिन्न भिन्न आदेश हैं। एकल शिक्षक की प्राथमिक शाला माध्यमिक शाला में शिक्षा पूर्ति होते तक के लिए कॉलम नंबर दो अंकित शालाओं में वैकल्पिक अध्ययन हेतु निर्देशित किया जाता है, उच्च कार्यालय से पद पूर्ति होने पर स्वतह निरस्त माना जाएगा। क्रमांक 1 प्राथमिक शाला तेलीपारा परसकोल से महेश कुमार चंद्रा सशि एलबी प्राथमिक शाला बगबुडवा (विगत कई वर्षों से व्यवस्था में) आदेश पत्र क्रमांक 1045स्थापना 3/2021-22दिनांक16-09-2021 क्रमांक 1 पर प्राथमिक शाला तेलीपारा परसकोल से श्रीमती चंद्रकला गवेल सशि एलबी प्राथमिक शाला बरगढ़ दो अलग-अलग आदेश एक ही आदेश क्रमांक पर जारी होना, इनकी प्रशासनिक क्षमता को दिखाता है।
वहीं नेकदिल व्यक्तित्व के धनी खरसिया बीईओ के क्षेत्राधिकार अंतर्गत कितने स्कूल में एकल शिक्षक हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। टेलिफोनिक जानकारी में बीईओ ने कहा कि उन्हें आज तक किसी ने एकल शिक्षक की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, तो उन्हें कैसे जानकारी होगी? छाप लेने से व्यवस्था नहीं होती और छाप लिजिएगा फिर हो जाएगी व्यवस्था! कहीं न कहीं मजबूत पकड़ की वजह इस तरह की गैर जिम्मेदाराना बातें कर बीईओ के द्वारा बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है, वहीं जवाबदार अधिकारी खामोश बैठे पूरा तमाशा देख रहे हैं।
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