ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी
छत्तीसगढ़
--------------------------------------------------दिसम्बर के प्रथम सप्ताह से होंगी स्कूलों में ईजीएल से पढ़ाई
विकासखंड स्तरीय तीन दिवसीय भाषायी दक्षता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
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रायगढ़, 26 नवंबर 2021/ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार 2025 तक कक्षा 05 तक के बच्चों में बुनियादी भाषाई एवं गणितीय दक्षता विकसित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए रायगढ़ जिला प्रशासन के पहल एवं यूनिसेफ, रुम टू रीड के सहयोग से जिले के तीन विकास खंडों रायगढ़,खरसिया और तमनार चल रहे भाषाई दक्षता प्रशिक्षण कार्यक्रम का बीते 24 नवम्बर को समापन हुआ।
उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर्स द्वारा उक्त तीनों विकास खंडों में चिन्हित प्रशिक्षण केन्द्रों में 525 विद्यालय के कक्षा पहली और दूसरी में अध्यापन करने वाले शिक्षकों को भाषाई दक्षता प्रशिक्षण दिया गया। जिला प्रशासन रायगढ़ के पहल एवं यूनिसेफ  एवं रूम टू रीड के सहयोग से संचालित उक्त भाषायी दक्षता प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूनिसेफ  की शिक्षा सलाहकार सुश्री रंजू मिश्रा, यूनिसेफ के जिला परियोजना अधिकारी श्री प्रशांत प्रधान, रूम टू रीड कार्यक्रम से सम्बद्ध श्री मोहनिश, श्री सामंत, श्री सनत, श्री आदित्य, श्री रणधीर सिंह आदि का सहयोग रहा। जिन्होंने विकासखंड रायगढ़, खरसिया एवं तमनार के 44 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करने के उपरांत 525 विद्यालयों के कक्षा पहली एवं दूसरी में अध्यापन करने वाले शिक्षकों को भाषायी दक्षता कार्यक्रम के उद्देश्य, इसकी उपयोगिता बताते हुए सीखने व सिखाने के एक बेहतरीन सकारात्मक शैक्षणिक व प्रभावी वातावरण में मास्टर ट्रेनर्स व सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित करने में महती भूमिका रही।
जिले से लगातार की गई मॉनिटरिंग
कार्यक्रम के अंतिम दिवस तमनार के विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों में निरीक्षण व शिक्षक-शिक्षिकाओं के फीडबैक प्राप्त करने पहुंचे एपीसी एवं जिला प्रशिक्षण प्रभारी श्री भुवनेश्वर पटेल व जिले के कार्यक्रम प्रभारी एपीसी श्री आलोक स्वर्णकार ने विकासखण्ड तमनार के तीनों प्रशिक्षण सदन को संबोधित करते हुए इस कार्यक्रम के उद्देश्य, इसकी उपयोगिता और भविष्य में मिलने वाले इसके सकारात्मक परिणाम के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए शिक्षक-शिक्षिकाओं से इस कार्यक्रम से संबंधित फीडबैक प्राप्त करते हुए बेहद आश्वस्त दिखे। उक्त प्रशिक्षण का प्रभाव शिक्षक-शिक्षिकाओं पर बेहद ही सकारात्मक व प्रेरणादायक रहा और एक उम्मीद जागी है कि सभी के समन्वित प्रयासों से भाषायी दक्षता का यह कार्यक्रम अपने महती उद्देश्य को अवश्य प्राप्त करेगा। उक्त भाषायी दक्षता कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम फलस्वरूप बच्चों के भाषायी ज्ञान और समझ विकसित होने से बच्चे पढऩे व समझने के योग्य बनेंगे, जिससे वे अन्य विषयों की किताबों को भी पढऩे में समर्थ हो सकेंगे।
भविष्य की योजना
तीन दिवसीय ईजीएल के उक्त प्रशिक्षण उपरांत शिक्षक-शिक्षिकाएँ अपनी कक्षा पहली व दूसरी के बच्चों को पढ़ाने का कार्य प्रारंभ करेंगे। इसके लिए प्रारंभिक तैयारियां यूनिसेफ  की टीम द्वारा की जा रही है। आगे आने वाले समय में शिक्षक-शिक्षिकाओं को एक टाइम टेबल तथा तरंग पुस्तक की सॉफ्ट कॉपी तथा सीएसी के निरीक्षण हेतु चार्ट उपलब्ध कराया जाएगा तथा दिसंबर के प्रथम सप्ताह में तीनों विकासखंड के सीएसी का ईजीएल संबंधित उन्मुखीकरण एवं उसके पश्चात तीनों विकासखंड के प्रधान पाठकों को इस कार्यक्रम की उपयोगिता एवं इसमें सहयोग हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रस्तावित है।

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