छत्तीसगढ़
-----------------------------------------------------▪️माँ ने कहा नमस्ते साहब! तो छलक उठी सबकी आंखें
▪️भारत माता के जयकारों और विप्लव त्रिपाठी अमर रहे के नारों से गूंज उठी फिजाएं
रायगढ़। अपने लाडले वीर सपूत के अंतिम सफ़र में शहरवासियों ने अपनी ज़िम्मेदारी बखूबी निभाई। अमर बलिदानी विप्लव त्रिपाठी के निवास स्थान से रामलीला मैदान तक शहीद परिवार को श्रध्दांजलि अर्पित करने जनसैलाब उमड़ पड़ा। शहीद विप्लव त्रिपाठी अमर रहे के नारे लागते हुए विप्लव व उनकी पत्नी तथा बेटे को नम आंखों से भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
असम राइफल्स की सेना के जवानों ने अपने बलिदानी साथी को सेल्यूट कर सलामी दी। वहीं निर्धारित समयानुसार रामलीला मैदान से शहीद की अंतिम यात्रा मुक्तिधाम की ओर रवाना हुई। यूं तो परम्परा के अनुसार महिलाएं अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट नहीं जातीं, परन्तु आज इस परम्परा को तोड़ते हुए हज़ारों की संख्या में महिलाएं भी सर्किट हाउस मुक्तिधाम पहुँचीं और शहीद विप्लव त्रिपाठी व उनकी पत्नी तथा पुत्र के दाह संस्कार में शामिल रहीं। कर्नल विप्लव त्रिपाठी को मुखाग्नि उनके छोटे भाई ने दी जो स्वयं भारतीय सेना में सेवारत हैं। अमर बलिदानी विप्लव त्रिपाठी को दो बार गॉडऑफऑनर दिया गया। पहला रामलीला मैदान में असम राइफल्स के जवानों ने , इसके बाद मुक्तिधाम में भी अंतिम सलामी दी गई।
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