छत्तीसगढ़ हेड ब्यूरो बुंदेली दर्शन
दंतेवाड़ा, 01 अक्टूबर 2021। जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में जैव प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली द्वारा संचालित परियोजना बायोटेक किसान हब द्वारा जिले के विभिन्न गांवों झोड़ीयाबाड़म, सियानार, बिंजाम, समलुर, कारली के किसानों को सब्जी उत्पादन तकनीक पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ नारायण साहू के द्वारा किया गया। डॉ नारायण साहू ने किसानों को सब्जियों की खेती की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि कम लागत वाले शेडनेट में उच्च मूल्य के सब्जियों की खेती करके किसान वर्षभर अच्छी मुनाफा कमा सकते हैं। किसान बाजार की मांग के अनुसार शेडनेट में सब्जियां लगाकर वार्षिक आय में भी वृद्धि कर सकते हैं साथ ही साथ सब्जियों में कीट के जैविक नियंत्रण को लाभकारी बताया। तत्पश्चात डीप्रोशन बंजारा (विषय वस्तु विशेषज्ञ सस्य विज्ञान) द्वारा कीट नियंत्रण की जानकारी दी गई जिसमें उन्होंने धान एवं सब्जी में लगने वाले कीट एवं उनका जैविक विधि से नियंत्रण के बारे में बताया। उन्होंने कहा धान के कीटों के नियंत्रण के लिए ट्राइको कार्ड सब्जियों में लगने वाले कीटों के नियंत्रण के लिए रेड स्टींग बग, ब्रेकोकार्ड एवं गाजर घास के नियंत्रण के लिए जाइगोग्रामा का उपयोग किया जाता है। ट्राइको कार्ड में पाई जाने वाली ट्राईको ग्रामा जाति की छोटी ततैया जो अंड परजीवी है, जोकि लेपिडॉप्टेरा परिवार के लगभग 200 प्रकार के नुकसानदेह कीड़ों के अंडों को खाकर जीवित रहता है। ट्राईको कार्ड पर लगभग 20000 अंडे होते हैं। धान एवं सब्जियों के नुकसान दायक तना छेदक, फल छेदक, पत्ती लपेटा के प्रकार के कीड़ों का जैविक विधि से नाश करने हेतु ट्राईको ग्रामा का प्रयोग किया जाता है। सुश्री पूनम कश्यप (वाई पी २) ने ट्राईको कार्ड के उपयोग के बारे में बताते हुए कहा कि ट्राईको ग्रामा जैव जीव ट्राईको कार्ड को विभिन्न फसलों में 10-15 दिन के अंतराल पर तीन से चार बार लगाया जाता है। खेतों में जैसे ही हानिकारक कीड़ों के अंडे दिखाई दें तुरंत ही कार्ड को छोटे-छोटे समान टुकड़ों में काटकर खेत के विभिन्न भागों में पत्तियों की निचली सतह पर या तने पत्तियों के जड़ पर धागे से बांध दें। श्री विक्की कुमार नेताम (वाई पी २) ने ट्राईको कार्ड के उपयोग से पहले कार्ड के रख रखाव के बारे में बताते हुए कहा कि इस ततैया की लंबाई 0.4 से 0.7 मिली मीटर होती है, तथा इसका जीवन चक्र गर्मी में 8 से 10 दिन वह ठंड में 9 से 12 दिन की होती है। ट्राईको कार्ड को खेत में प्रयोग करने से पूर्व तक 5 से 10 डिग्री से तापक्रम पर बर्फ के डब्बे या रेफ्रिजरेटर में रखना चाहिए जैविक कीट नियंत्रण द्वारा जैविक खेती को अपनाकर ना केवल मिट्टी की गुणवत्ता बल्कि वनस्पतियां प्रदूषण की समस्या को कम किया जा सकता है और मनुष्य की पोषण सुरक्षा को भी सुनिश्चित की जा सकती है। कार्यक्रम में श्री अनिल ठाकुर (विषय वस्तु विशेषज्ञ, कृषि मौसम विज्ञान), सुश्री मधु माली (एग्रोमेट आब्जर्वर), सुश्री वंदना चडार (कार्य सहायक, पौध रोग विज्ञान), श्री एस के पोड़याम (कार्य सहायक, कंप्यूटर) श्री लेखेश श्रीवास्तव मौजूद रहे।
रोशन कुमार सोनी
मो - 7440966073
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