छत्तीसगढ़
----------------------------------------------------बिहान से जुड़कर मिला आय का जरिया, श्रीमती शारदा बनी स्वावलंबी
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रायगढ़, 23 अक्टूबर 2021/ एक छोटे से गांव जुनवानी में श्रीमती शारदा साहू निवास करती है, जो स्नातक की पढ़ाई पूरी कर चुकी है। उनके मन में हमेशा से कुछ करने की इच्छा थी, जिससे कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और परिवार को संबल बना सके। लेकिन तीन बच्चे और परिवार की जिम्मेदारियों के चलते उनकी यह इच्छा मन में ही रह जाती थी। श्रीमती साहू वर्ष 2016 में बिहान योजना अंतर्गत समूह से जुड़ी। समूह में जुडऩे के बाद वो अपने जैसे ही अन्य महिलाओं से मिली जो समूह से जुड़कर विभिन्न काम कर रही थी और अपने तथा समाज में परिवर्तन ला रही थी। उसी समय बैंक कोरेसपोनडेनस सखी का चयन किया जा रहा था। प्रदान प्रोफेशनल के सुझाव तथा मार्गदर्शन से श्रीमती साहू 2017 बीसी सखी के रूप में चयनित की गयी।
बीसी सखी बनने के बाद पिछले 4 सालों में श्रीमती साहू अपने काम के माध्यम से बहुत से लोगों को सुविधा पहुंचाई है और उनका मदद की। बिहान के अंतर्गत बीसी सखी के दायित्वों को समझ कर आज के दिन में श्रीमती साहू और भी जिम्मेदारियों को निभाकर एक सल्क्रिया बीसी सखी के रूप में उभर कर सामने आई है। इस काम के माध्यम से वो बैंक की सेवाओं को ग्रामीण लोगों के घर तक पहुंचा रही है।
विज्ञापनइनकी सेवा के माध्यम से जो लोग बैंक नहीं जा पाते थे उनको काफी मदद मिली है जैसे की वृद्धा और बिकलांग तथा एकल महिला इसके साथ श्रीमती साहू ग्रामीणों को बिना बैंक जाए गांव में बैंक लेनदेन की सुविधा पहुंचा रही है। मानदेय बांटने का काम भी वे करती है। कोरोना के समय वे अपने क्षेत्र में 10 गांव में लोगों को बैंक की सेवा से जोडऩे का काम की है।
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पिछले पांच महीनों में उन्होंने लगभग 69 लाख का लेनदेन किया है। इसके साथ सीएससी आईडी के माध्यम से श्रीमती साहू ने 1300 आयुष्मान भारत कार्ड और 160 श्रम कार्ड बनाया है। 25 सुरक्षा बीमा और 74 जीवन ज्योति बीमा की है। साथ ही वे पीएनबी दिशा पर काम करते हुए गांव में लोगों का अकाउंट खोलने में मदद करती है।
विज्ञापनआज तक वो 46 व्यक्तिगत खाता खोल चुकी है। आज वे स्वाबलंबी बनकर अपने और अपने परिवार का मदद कर रही है और समाज में एक उदहारण प्रस्तुत कर रही है। बीसी सखी के काम के माध्यम से वे प्रति माह 10 हजार रुपये की आय अर्जित कर रही है जिससे परिवार को काफी मदद मिल रही है। आने वाले समय में वे अपना एक फोटोकॉपी मशीन की दुकान खोलना चाहती है।
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