ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

छत्तीसगढ़

---------------------------------------------------रायपुर - छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के वार्डों में साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर एक बार फिर से निगम की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी शुरू कर दी है। वार्डों में सफाई कामगारों की उपस्थिति की जांच की जा रही है। दरअसल वार्ड के रहवासियों से लगातार यह शिकायत निगम को मिलती रही है कि सफाई कामगार सफाई काम के समय वार्ड से अक्सर नदारत रहते हैं, जबकि उनके नाम का पैसा अधिकारियों पर दबाव बनाकर हर महीने ठेकेदार प्राप्त कर लेते हैं। जांच में सफाई कामगारों के नदारत रहने पर उन्हें गैरहाजिर करने के साथ ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया जा रहा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह जांच बंद थी।

अब फिर से निगम की टीम ने जांच शुरू कर दी है। इधर मनमानी कर रहे ठेकेदारों पर कार्रवाई शुरू होने से निगम की सियासत भी तेज हो गई है।दरअसल कई सफाई ठेकेदार ऐसे है जो कांग्रेस पार्षदों के नजदीकी या उनके आदमी है।

जब-जब वार्डों में कामगारों की जांच शुरू होती है ठेकेदार दबाव बनाकर अधिकारियों से अपना बिल पास करवा लेते है। पिछले दिनों स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडेय ने दो ठेकेदारों पर जुर्माना लगाकर उनका बिल रोका था।इसके बाद अचानक से पांडेय का तबादला अंबिकापुर नगर निगम कर दिया गया। इस तबादले से नाराज होकर पांडेय हाइकोर्ट से स्टे हासिल कर लिया।अब फिर से वे निगम में काम कर रहे है। इसे लेकर ठेकेदार काफी नाराज है।

नहीं चलने देंगे मनमानी

नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग अध्यक्ष नागभूषण राव ने बताया कि ठेका सफाई कामगारों की वार्डों में सात घंटे की उपस्थिति अनिवार्य किया गया है। सफाई व्यवस्था वार्डों में चाक-चौबंद हो इसलिए फिर से औचक निरीक्षण किया जा रहा है। मंगलवार को ही जोन क्रमांक तीन के दो वार्डों से ठेका सफाई कामगारों के गायब रहने पर ठेकेदारों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह जांच लगातार जारी रहेगी।बिना सफाई के बिल भुगतान प्राप्त करने वाले ठेकेदारों की अब मनमानी नहीं चलने दी जायेगी।

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