ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी
छत्तीसगढ़
---------------------------------------------रायगढ़, 29 अक्टूबर। जिला पंचायत ने मनरेगा योजना को विकास के मुख्य प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन इसमें बहुत पोल है। हकीकत में ग्राम पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार चरम पर है। ग्राम पंचायत ननसिया से शिकायत आई है कि यहां सचिव और रोजगार सहायक मिलकर बिना प्रस्ताव के ठेका बांट रहे हैं।
कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा के कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें आ रही हैं। काम होते नहीं और राशि आहरित कर ली जाती है। गबन के कई मामलों में पंचायत सचिव निलंबित हो रहे हैं। ऐसी ही एक शिकायत ग्राम पंचायत ननसिया से आई है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि यहां मनरेगा कामों में अनियमितता बरती जा रही है। काम कोई और कर रहा है जबकि मजदूरी भुगतान किसी और के खाते में कर राशि निकाली जा रही है। रोजगार सहायक द्वारा जॉब कार्ड नहीं भरा जा रहा है। दस्तावेज अपूर्ण हैं। मनरेगा के कार्य ऐसे भी हैं, जिनमें कार्य प्रारंभ करने के पूर्व पंचायत प्रस्ताव पास नहीं किया गया है। सचिव और रोजगार सहायक आपस में मिलकर किसी व्यक्ति विशेष को काम सौंप रहे हैं। कार्य प्रारंभ करने के पूर्व ग्राम पंचायत में मुनादी नहीं होती।नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के तहत बनाए गए गौठान में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। पशुओं के लिए शेड बांस और पलानी से बनाया गया है जो पिछले बरसात में ढह गया था। आनन-फानन में अन्य शेड बनाया गया। 14 वें और 15 वें वित्त की राशि का भी दुरुपयोग किया जा रहा है। पीएचई द्वारा छुहीपाली में लगाए गए हैंडपंप की जगह किसी व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने दो एचपी का बोर पंप लगा दिया गया। विधायक निधि से खनित एक और बोर में पांच एचपी का मोटरपंप लगाकर खेती में उपयोग किया जा रहा है। तालाब सफाई और स्ट्रीट लाइट के नाम पर मूलभूत राशि का उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीणों ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
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