छत्तीसगढ़
----------------------------------------------------- मत्स्य पालन से संवर रही जिंदगी
- मोंगरा बैराज जलाशय में 1 करोड़ 15 लाख रूपए की लागत से किया जा रहा केज कल्चर
- मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा मिलने से किसानों और मत्स्य पालकों को मिला प्रत्यक्ष लाभ
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राजनांदगांव - जिले में मत्स्य पालन से मत्स्य पालक एवं किसानों की जिंदगी संवर रही है और उन्होंने उन्नति की ओर अग्रसर है। मत्स्य पालकों के लिए शासन की किसान हितैषी योजनाएं प्रभावी साबित हो रही हैं। शासन द्वारा मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा मिलने से किसानों और मत्स्य पालकों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिला है। अब मत्स्य पालक किसान के्रडिट कार्ड से ऋण लेकर अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं, वहीं बिजली बिल में भी छूट मिली है। जिले की रोहू, कतला, कोमलकार प्रजाति की मछलियां अन्य राज्यों में निर्यात की जा रही है। जिले में मत्स्यपालकों ने नील क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाये हैं। महिलाओं का भी मत्स्य पालन में रूझान बढ़ा है। जिले में मोंगरा बैराज जलाशय में 1 करोड़ 15 लाख रूपए की लागत से केज कल्चर किया जा रहा है। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में नवाचार करते हुए गौठानों में तालाब निर्माण कर मत्स्यपालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्राम मोखला, अंजोरा, कलकसा सहित जिले के अन्य गौठानों में समूह की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए उन्हें मछलीपालन से जोड़ा जा रहा है। अंबागढ़ चौकी एवं छुरिया के तालाबों में कमल ककड़ी और सिंघाड़ा भी लगाया गया है।
शासन द्वारा विभागीय तीन दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण से 1600 हितग्राहियों को 16 लाख रूपए, विभागीय दस मछुआ प्रशिक्षण में 1810 हितग्राहियों को 22 लाख 62 हजार, प्रदेश के बाहर अध्ययन भ्रमण 115 हितग्राहियों को 2 लाख 87 हजार रूपए, मौसमी तालाबों में स्पॉन संवर्धन योजना 27 हितग्राहियों को 8 लाख 10 हजार रूपए, पांच वर्षीय फिंगरलिंग संचयन 530 हितग्राहियों को 10 लाख 60 हजार रूपए, मत्स्याखेट हेतु नाव जाल 454 हितग्राहियों को 45 लाख 40 हजार रूपए, फुटकर मछली विक्रय योजना के तहत 130 हितग्राहियों को 7 लाख 80 हजार रूपए, झींगा पालन योजना के तहत 175 हितग्राहियों को 9 लाख 26 हजार रूपए, नवीन योजना अंतर्गत तीन वर्षीय मछुआ सहकारी समितियों को अनुदान सहायता 89 हितग्राहियों को 85 लाख 65 हजार रूपए, जलाशयों व एनीकट्स में फिंगरलिंग संचयन 50 हितग्राहियों को 89 लाख 79 हजार रूपए तथा बंद पड़े खदानों में मछली पालन हेतु 2 हितग्राहियों को 1 लाख 14 हजार रूपए से लाभान्वित किया गया।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत मछुआ सहकारी समितियों को नाव जाल सहायता के लिए 16 लोगों को 16 लाख रूपए, फुटकर मछली विक्रय आइस बॉक्स के लिए 231 लोगों को 10 लाख 35 हजार रूपए, 100 सीफेक्स वितरण के लिए 3 लाख 40 हजार रूपए, मौसमी तालाबों में स्पॉन संवर्धन योजना के तहत 25 लोगों को 7 लाख 50 हजार रूपए, स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण के लिए 16 लोगों को 61 लाख 78 हजार रूपए, तालाबों की मत्स्य उत्पादकता हेतु प्रदर्शन इकाई स्थापना के लिए 10 लोगों को 15 लाख रूपए से लाभान्वित किया गया।
नीलक्रांति योजना के अंतर्गत सेविंग कम रिलिफ के लिए 1000 लोगों को 30 लाख रूपए, स्वयं की भूमि में संवर्धन पोखर निर्माण के लिए 26 लोगों को 28 लाख 8 हजार रूपए, स्वयं की भूमि में संवर्धन पोखर पर परिपूरक आहार के लिए 26 लोगों को 7 लाख 2 हजार रूपए, स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण के लिए 8 हितग्राहियों को 15 लाख 83 हजार रूपए, स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण पर परिपूरक आहार के लिए 6 हितग्राहियों को 3 लाख 39 हजार रूपए, ऑटो सह ऑइस बॉक्स वितरण 1 हितग्राही को 80 हजार रूपए, केज कल्चर व स्थापना मोंगरा बैराज जलाशय (98 इकाई) 4 हितग्राहियों को 1 करोड़ 15 लाख 20 हजार रूपए से लाभान्वित किया गया। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत स्वयं की भूमि में संवर्धन पोखर निर्माण, मोटर साईकल सह ऑइस बॉक्स 12 हितग्राहियों को 6 लाख 61 हजार रूपए से लाभान्वित किया गया। आकांक्षी जिला कृषक कल्याण अभियान एनएफडीबी योजना के तहत मछुआ सहकारी समितियों को दो फसल के लिए ग्रामीण तालाबों में परिपूरक आहार प्रदाय किया जा रहा है।
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