ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

छत्तीसगढ़

-----------------------------------------------रायगढ़, 28 अक्टूबर। आतंक का पर्याय बने अतिकायों ने फिर एक बेगुनाह की बलि ले ली। बैल चराने जंगल गए वृद्ध को अपने साथियों को छोड़कर मशरूम तोडऩे जाना उस समय महंगा पड़ा, जब गजराज ने अपने पैरों से कुचल कर उसे मौत के घाट उतार डाला। दिल को दहलाने वाला यह मामला धर्मजयगढ़ थाना क्षेत्र का है।

वनों से आच्छादित धर्मजयगढ़ इलाके के जंगलों में इन दिनों 23 नर और 17 मादा के साथ 8 शावक सहित कुल 48 ऐसे हाथियों ने अस्थायी डेरा डाल रखा है जो भूख-प्यास मिटाने के चक्कर में रिहायशी क्षेत्रों में धावा बोलते हुए किसानों की फसलों को तहस नहस कर आतंक का पर्याय बने हैं। हालांकि, अतिकायों के इस समूह का स्वभाव शांत है, फिर भी कभी-कभी ये इतने उग्र हो जाते हैं कि किसी भी निरपराध इंसान की जान तक ले लेते हैं। ऐसे ही एक वाकये में जंगल गए बुजुर्ग ग्रामीण को हाथी ने मार डाला। प्राप्त जानकारी के अनुसार धर्मजयगढ़ के ग्राम ओंगना में रहने वाला जयलाल पिता ननका एक्का (65 वर्ष) मंगलवार सुबह गांव के लगभग आधे दर्जन लोगों के साथ बैल चराने के लिए मार जंगल गया। शाम को ग्रामीण जब बैलों को लेकर वापस गांव जाने लगे तो जयलाल यह कहते हुए उनके अलग हो गया कि उसने जंगल बीच में मशरूम देखा है, इसलिए वह उसे तोडऩे जा रहा है। साथियों के जाने के बाद जयलाल मशरूम तोडऩे बीच जंगल गया।बताया जाता है कि ओंगना से लगे जिस मार जंगल में जयलाल दाखिल हुआ, वर्तमान में वहां 10 हाथियों का झुंड विचरता है। वृद्ध मशरूम तोडऩे में मशरूफ था तभी अतिकायों से उसका सामना होते ही मारे डर के वह भागने लगा। वहीं, दल का एक हाथी उसके पीछे लगकर दौड़ाने लगा। कुछ दूर भागने के बाद सांस फूलने पर जब जयलाल रुका तो चिंघाड़ लगाते हुए गजराज ने उसे अपने भारी भरकम पांव से इस कदर कुचला कि शरीर के अंदर के मांस पेशियों के बाहर निकलते ही छटपटाने वाले बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया।इधर, रात तक जयलाल की घर वापसी नहीं होने पर फिक्रमंद परिजनों ने गांव में उसे तलाशा तो पता चला कि बैल चराने गए सारे ग्रामीण वापस लौट गए, लेकिन जयलाल मशरूम तोडऩे रुका था। बुधवार सुबह एक्का परिवार जब ग्रामीणों को लेकर निकला तो मार जंगल के बीच पहुंचते ही उन्होंने जो नजारा देखा, उससे एकबारगी उनकी रूह तक कांप उठी क्योंकि वहां जयलाल की क्षत-विक्षत लाश जो पड़ी थी। चूंकि, घटना स्थल पर हाथी पांव के निशान है, इसलिए मौके की नजाकत को भांप शोकाकुल एक्का परिवार ने इसकी सूचना धर्मजयगढ़ थाने के साथ वन अमले को भी दी। यही वजह है कि हरकत में आई पुलिस और वनकर्मियों ने मौका-ए-वारदात का जायजा लेते हुए वृद्ध के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा। बहरहाल, धर्मजयगढ़ पुलिस मर्ग कायम करते हुए आगे की कानूनी कार्रवाई में जुटी है। वहीं, आतंकी गजराज के कहर से एक और सयाने की दर्दनाक मौत के बाद न केवल ओंगना, बल्कि आसपास के गांवों में भी खौफ का माहौल होने पर लोग अब हाथियों को इलाके से खदेडऩे की मांग भी कर रहे हैं।

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