रोशन कुमार सोनी
मो - 7440966073महासमुंद 01 अक्टूबर 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की कुपोषण मुक्ति की पहल पर छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर 2019 को शुरू हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का आज 2 वर्ष पूरा हुआ। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। महासमुंद जिले के पूरे क्षेत्र में कुपोषण एवं एनीमिया को जड़ से समाप्त करने कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इस कार्यकम में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
महिला एवं बाल विकास अधिकारी समीर पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का शुभांरभ महासमुंद ज़िले में 2 अक्टूबर 2019 को आंगनबाड़ी केन्द्र बरोंडाबाज़ार से किया गया था। अभियान का उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करने एवं महिलाओं, किशोरी बालिकाओं में एनिमिया को कम करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में कुपोषण को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की गई। सभी हितग्राहियों को गर्म भोजन प्रति सोमवार,बुधवार औऱ शुक्रवार को एवं रेडी टू ईंट खिलाया जा रहा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ द्वारा नियमित रूप से गृह भेंट करके व्यक्तिगत साफ-सफाई, स्वास्थ्य जांच, कृमि नाशक दवा खिलाया गया। आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिलने वाली पूरक पोषण रेडी टू ईट को 6 दिन में खिलाने की समझाईश दी जाती है । खान-पान में विशेष ध्यान जा रहा है। जिसमें रोटी हरी सब्जी तथा मुनगा भाजी नियमित रूप से बच्चों को खिलाने की सलाह आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा बच्चों के माता-पिता को दिया जाता है। जिसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में जिले के डेढ़ प्रतिशत बच्चे कुपोषण मुक्त हुए हैं तथा कुपोषण की दर में गिरावट आई।
सुपोषण अभियान के अंतर्गत जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण वाटिका तैयार कर सब्जी का उपयोग भी किया जा रहा है। साथ में सभी प्रकार के स्थानीय साग भाजी एवं खाद्य पदार्थों को शामिल कर भोजन में विविधता कर खाते रहने की सलाह दी गई। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस का आयोजन कर हितग्राहियों को लाभांवित किये गए। आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा हितग्राहियों की नियमित रूप से टीकाकरण तथा वजन लिया गया। कोरोना काल में भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप कुपोषण दूर करने तथा कोरोना जागरूकता हेतु आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर जाकर सूखा राशन, रेडी टू ईट एवं चिक्की का वितरण किया गया तथा लोगों को कोरोना के प्रति भी जागरूक किया गया।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत पिछले माह 10 अगस्त से पुनः सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को गुणवत्तापूर्ण गरम पौष्टिक भोजन हितग्राहियों को पुनः उपलब्ध कराया जा रहा है। लॉकडाउन और कोरोना के चलते बच्चों के बेहतर सेहत के चलते बंद किया गया था। पुनः 10 अगस्त से जिले के ऑगनबाड़ी केन्द्रों में 6453 सभी कुपोषित बच्चों और 15 से 49 आयु के 10271 एनीमिक पीड़ित बालिकाएं एवं महिलाओं को ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं अब गरम भोजन परोस रही है। ताकि बच्चे सुपोषित हो और बालिका और महिलाएं एनीमिक की कमी से बाहर निकले। इसी प्रकार खनिज न्यास निधि से कमार जनजाति के 3 से 6 आयु वर्ग के 96 बालकों और 1 से 49 आयु वर्ग की 1428 बालिका और महिलाओं को सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को उनके घर जाकर उबला अण्डा प्रदाय किया जा रहा है। इसमें भी बच्चों और महिलाओं के कुपोषण में कमी आयी है। मार्च 2021 की बात करें तो मध्यम 3 से 6 वर्ष के मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या 37 थी। जिसमें 7 बच्चे सुपोषित हए। वहीं 7 गंभीर कुपोषित बच्चों में से 3 बच्चे सुपोषित हुए। कमार एनीमिक बालिकाओं और महिलाओं की बात करें तो 52 मध्यम एनीमिक महिलाओं में से 4 महिलाएं इससे बाहर आए है। गम्भीर 15 महिलाओं में से 6 महिलाएं एनीमिक पीड़ित से बाहर निकली। जिले मंे इस योजना का सफल संचालन हो रहा है और कुपोषित बच्चों और एनीमिक पीड़ित महिलाओं में गिरावट आ रही है।
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