ब्यूरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

छत्तीसगढ़

---------------------------------------------रायगढ़, 23 अक्टूबर। शहर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम अंतिम चरण में पहुंचने के बाद एक बार फिर से अटक गया है। कारण फिर से वही है। रेलवे की ओर से ब्रिज के नीचे से पाइप लाइन बिछाने के लिए अब तक कोई स्पष्ट निर्णय लिया जा सका है। ऐसे में 90 प्रतिशत काम पूरा होने के बाद भी बचा हुआ 10 फीसदी का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। एनजीटी के आदेश के बाद राज्य सरकार ने रायगढ़ शहर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने की अनुमति दी और देर से ही सही यहां उसका काम भी शुरू हो गया मगर प्रोजेक्ट में लगातार कोई न कोई बाधा उत्पन्न हो ही रही है जिसके चलते निर्माण कार्य पिछड़ता जा रहा है।

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हालांकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लगे लॉकडाउन के बाद एसडीपी के काम में काफी तेजी आयी और पाइप लाइन बिछाने का काम भी तेजी से पूरा किया जाने लगा मगर अब एक बार फिर से इस प्रोजेक्ट की गति धीमी हो गयी है क्योंकि शहर व केलो नदी के मध्य रेलवे की ब्रिज इसके लिए बाधा बन रही है और पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। वर्तमान स्थिति पर अगर नजर डालें तो शहर में एसडीपी का काम 90 फीसदी तक पूरा कर लिया गया है। केलो नदी के दोनों छोर में पाईन लाईन बिछायी जा चुकी है मगर केलो नदी में रेलवे ब्रिज पर आकर मामला अटक जा रहा है क्योंकि रेलवे ब्रिज के नीचे से पाईप लाईन बिछाने के लिए परमिशन देने के नाम पर आनाकानी कर रहा है जिसके कारण प्रोजेक्ट पर गतिरोध जारी है।

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इंटर मिडियेड पम्पिंग स्टेशन पर भी विचार

पूर्व में रेलवे एसटीपी के ब्रिज के नीचे से पाइप लाइन बिछाने के लिए लीज पर जमीन देने को लेकर राजी हो गयी थी मगर बाद में फिर से मुकर गयी। ऐसे में अधिकारी लगातार रेलवे के अधिकारियों से संपर्क बनाये हुए हैं ताकि जल्द से जल्द परमिशन मिल सके और बचा हुआ काम पूरा हो सके। ऐसा नहीं होने पर अधिकारियों के पास एसटीपी का काम पूरा करने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता बचेगा वह है इंटर मिडियेड पंपिंग स्टेशन की स्थापना करने का जिसमें पाइप लाइन बिछाने के लिए गड्डा खोदने की दरकार ही नहीं पड़ेगी।

कंपनी को मार्च 2022 तक करना है हैंडओवर

सीपीटी निर्माण का काम कर रहे कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर की मानें तो सीपीटी के लिए 2 हेक्टेयर में प्लांट, एमसीसी, पंपिंग स्टेशन, सेफ्टी हाउस सहित अन्य सभी निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं। रेलवे ब्रिज के नीचे से पाइप लाइन बिछाने के लिए परमिशन का ही इंतजार है। कंपनी बचे हुए काम को तो 31 दिसंबर तक पूरा कर लेगी और तय मियाद 26 मार्च 2022 तक इसे नगर निगम का हैंडओवर कर देगी। हालांकि इसके बावजूद 15 सालों तक प्रोजेक्ट का काम कंपनी ही देखेगी।

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25 एमएलडी पानी का किया जायेगा ट्रीटमेंट
सीपीटी का निर्माण पूरा होने से केलो नदी को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। शहर के विभिन्न इलाकों से नालों में बहकर नदी में मिलने वाले पानी को 25 एमएलडी प्लांट में ट्रीटमेंट किया जायेगा। हालांकि ट्रीटमेंट के बाद यह पानी पीने योग्य नहीं होगा। ऐसेे में नगर निगम इसे उद्योगों में देने पर भी विचार कर रहा है।

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