ब्युरो रिपोर्ट रोशन कुमार सोनी

छत्तीसगढ़

----------------------------------------------रायगढ़, 29 अक्टूबर। केलो परियोजना में बहुत से ऐसे किसान हैं जिनकी खेतों में नहर बनाने खुदाई हुई, मगर अफसोस कि बात है कि ग्राम पंचायत सूपा में 26 ऐसे बुजुर्ग हैं जो मुआवजा राशि पाने के चक्कर में 2 साल से सरकारी दफ्तरों में भटक रहे हैं, लेकिन फूटी कौड़ी नसीब नहीं हुई। ऐसे में ग्रामीणों ने कलेक्टर से अपने हक की मांग की है।

रायगढ़ – सारंगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग में बसे ग्राम पंचायत सूपा के दर्जनभर से अधिक बुजुर्गों ने 1200 रुपए देकर किराए में पिकअप किया और उसमें चढ़कर 20 किलोमीटर का सफर तय करते हुए रायगढ़ आए। जिलाधीश भीम सिंह के नाम हस्ताक्षरित आवेदन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि केलो परियोजना के तहत ग्राम सूपा में दो बरस से किसानों की खेतों में पानी पहुंचाने के नाम पर नहर खोदा गया, जिसमें ठेकेदार के साथ केलो परियोजना विभाग के बाबू और इंजीनियर ने भूमि स्वामियों को अतिशीघ्र मुआवजा दिलवाने का वायदा करते हुए अपना उल्लू सीधा किया, मगर मुआवजे के मरहम के नाम पर इनको केवल आश्वासन ही मिल रहा है।लाठी लेकर चलने वाले बुजुर्ग किसानों का यह भी आरोप है कि नहर खुदाई में इनकी पुश्तैनी खेत चले जाने से ये अब अपनी ही जमीन में फसल लगाने से महरूम हैं। चूंकि, नहर खनन होने के कारण बीते 2 साल से इनको फसल मुआवजा पाने के लिए गांव से जिला मुख्यालय तक सरकारी विभागों में चप्पलें घिसते हुए भटकना पड़ रहा है, इसलिए इन्होंने अब कलेक्टर के दरबार में अपनी समस्या रखते हुए बताया कि केलो परियोजना में 26 किसानों के तकरीबन 25 एकड़ जमीन प्रभावित हुई, लेकिन बदले में ये मुआवजे के लिए तरस रहे हैं, जो कि सही नहीं है। अगर जल्द ही इनको न्याय नहीं मिला तो ये कलेक्ट्रेट के सामने ही धरना देने बाध्य होंगे। किराए के पिकअप में कलेक्ट्रेट पहुंचने वालों में सूपा के सरपंच चंद्रिका प्रसाद, हीरादास महंत, कार्तिक राम, दिलेश्वर बरेठ, विजय रात्रे, सुंदर लाल, दरस राम, सुकुमार लहरे, अमृत लाल बंजारे, मनबोध पटेल, संतोष बरेठ, तिलक राम पटेल, अनंत राम, प्यारेलाल तथा गजानंद प्रमुख रूप से शामिल थे।

Post a Comment

और नया पुराने
RNVLive NEWS WEB SERVICES