मो - 7440966073
सक्ती। क्षेत्र में अब एक नया इतिहास फिर से लिखा जाना है। सक्ती के महाराज राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह अपने दत्तक पुत्र धर्मेंद्र सिंह का राज तिलक अपने 79 वें जन्मदिन के अवसर में कर रहे हैं।
राज महल से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह बचपन से ही धर्मेंद्र सिंह को अपना पुत्र मान लिए थे, जो क्षेत्र के लोगों को पता है। वहीं राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह अपनी जुबान पर अड़े रहे और रघुकू ल रीत वाली बात को अपने नाम से पूरा करते दिखे। राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ने 19 अक्टूबर को अपने जन्मदिन के अवसर पर अपने दत्तक पुत्र को अपना गद्दी सौंप रहे हंै। भले ही आजादी के बाद से राजतंत्र पूरी तरह से संविधान के अनुसार बंद हो गया है लेकिन राज परिवार की संस्कृति में आज भी अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया जाता है और राजतिलक की औपचारिकता की जाती है।
इसी कड़ी में अपना पुत्र मान चुके धर्मेंद्र सिंह को अपने आशीर्वाद स्वरूप राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह अपना राज सिंहासन सौंप रहें है, इसकी पूरी औपचारिकताएं भी पूर्ण कर ली गई है और करीबियों को इस राजतिलक के लिए निमंत्रण भी राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह द्वारा भेजा जा चुका है।
इस संबंध में धर्मेंद्र सिंह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि राजा साहब का प्यार और स्नेह मुझे बचपन से मिलता आ रहा है। वहीं राजा द्वारा मुझे अपना पुत्र मानते हुए मेरी परवरिश भी कुमार की तरह की गई है, मैं बहुत खुश हूं कि राजा के आशीर्वाद से उनके उत्तराधिकारी के रूप में गौरवशाली राजपरिवार का राजा बनने जा रहा हूं। मेरा राज्याभिषेक राजा के स्नेह और प्यार का प्रतीक है, मैं पूरी ईमानदारी से अपने इस गौरवशाली राजपरिवार का नाम हमेशा ऊंचा रखूंगा और अपने लोगों के प्रति सच्ची श्रद्धा और आत्मविश्वास के साथ पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा।विज्ञापन -
एक टिप्पणी भेजें