छत्तीसगढ़ हेड - रोशन कुमार सोनी
रायगढ़ छत्तीसगढ़
भाद्र पद शुक्ल पक्ष की हरितालिका तृतीया तिथि 9 सितंबर को है। यह तिथि सुहागिन महिलाओं और अविवाहित युवतियों के लिए विशेष है। तीजा व्रत पूजा के लिए महिलाएं तैयारियों में जुट गई हैं। ट्रेनों और बसों से मायके जाने के लिए निकलीं।

हरितालिका तीज पर 24 घंटे का निर्जला व्रत रखकर सोलह शृंगार में भगवान शिव-पार्वती का पूजन कर सुहागिनें अखंड सौभाग्य और युवतियां अच्छे वर की कामना करेंगी। इस व्रत पूजा से एक दिन पहले बुधवार को शाम समय का भोजन करेला की सब्जी भात का भोग लगाएंगी और खीरा खाकर सोएंगी, ताकि अन्न का डकार न आए क्योंकि ऐसी मान्यता है कि व्रत के दौरान अन्न का डकार आने पर व्रत भंग हो जाता है।

ये है प्राचीन मान्यता

प्राचीन मान्यता है कि आज के दिन माता पार्वती ने शिव को प्राप्त करने के लिए तीजा के दिन निर्जला और निराहार रहकर घनघोर तप किया था। भगवान शंकर पार्वती से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें अपने जीवन में पत्नी के रूप में स्थान देते हैं। कुंवारी कन्याएं सुयोग्य वर की कामना के लिए उपवास रखती हैं। उड़ीसा में यह गौरी व्रत के नाम से जाना जाता है।


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