ब्यूरो रिपोर्ट हृदेश कुमार
न्यूज़ छतरपुर। शहर की बेशकीमती सरकारी जमीन को रिकॉर्ड में हेराफेरी कर निजी बनाने का मामला सामने आया है। बाबूराम चतुर्वेदी स्टेडियम के सामने 5.90 एकड़ सरकारी जमीन को फर्जी तरीके से निजी बनाकर अनुराग सिटी सेंटर मॉल का निर्माण करने की शिकायत पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) छतरपुर ने 2017 की एक अपील पर सुनवाई करते हुए जमीन के बंदोबस्त के आधार पर जांच करने और शासकीय भूमि को बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के निजी करने पर अतिक्रमण हटाने और सिविल जेल की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
एसडीएम कोर्ट ने दिया फैसला
वर्ष 2014-15 में तहसीलदार न्यायालय में बंदोबस्त रिकॉर्ड के आधार पर स्टेडियम के सामने खसरा नंबर 3206 रकवा 5.90 एकड़ सरकारी जमीन को निजी बनाकर मॉल खड़ा करने की शिकायत की गई थी। जिस पर तहसील न्यायालय में चले प्रकरण के फैसले में तहसीलदार ने जुलाई 2017 में फैसला देते हुए प्रकरण को खारिज कर दिया। इसी प्रकरण की नीलेश ने एसडीएम कोर्ट में 2017 में अपील लगाई। जिस पर सुनवाई करते हुए एसडीएम कोर्ट ने तहसीलदार के आदेश को खारिज कर दिया है। एसडीएम ने जमीन के बंदोबस्त के आधार पर जमीन की जांच करने, सरकारी भूमि को निजी लोगों के नाम दर्ज करने की जांच करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के जमीन सरकारी से निजी दर्ज करने पर अतिक्रमण हटाने और सिविल जेल की कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
इस शिकायत पर कार्रवाई
छतरपुर निवासी नीलेश दुबे ने शिकायत की थी कि छतरपुर पटवारी मौजा में खसरा नंबर 3206 वर्ष 1939-40 के बंदोबस्त में घास भूमि के लिए आरक्षित जमीन थी। जिसे बिना किसी मालिकाना हक या सक्षम अधिकारी के आदेश के खसरों में फर्जी नाम से एंट्री कर निजी लोगों के नाम कर दिया गया। बाद में इसी जमीन पर अनुराग सिटी सेंटर मॉल का निर्माण किया गया। इस शिकायत का प्रकरण तहसील न्यायालय में वर्ष 2015 से 2017 तक चला, जिसमें तहसीलदार ने शिकायत को खारिज कर दिया। शिकायतकर्ता ने इस मामले में वर्ष 2017 में एसडीएम कोर्ट में अपील पेश की, जिस पर चार साल बाद एसडीएम ने फैसला देते हुए तहसीलदार के फैसले को आधारहीन मानते हुए रद्द कर दिया है। वहीं अब जमीन का रिकॉर्ड जांचने और अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए है।
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